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हरियाणा के अस्पताल में पहली बार हुई बंदर के मोतियाबिंद की सर्जरी, लौटी आंखों की रोशनी

पहले देख नहीं पाने के कारण पकड़ लिया था बिजली का तार

हिसारJun 01, 2024 / 12:49 am

ANUJ SHARMA

हिसार. दिन-प्रतिदिन विकसित होती चिकित्सा तकनीक से न सिर्फ इंसानों को लाभ मिल रहा है, बल्कि बेजुबान जानवरों की बीमारियों का भी इलाज हो रहा है। हरियाणा में हिसार के लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (एलयूवीएएस) में पहली बार एक बंदर का मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया। मोतियाबंद के कारण बंदर ठीक से देख नहीं पाता था। ऑपरेशन के बाद उसकी आंखों की रोशनी लौट आई है।
पहले दिखाई नहीं देने पर बंदर ने बिजली का तार पकड़ लिया था। बिजली के झटके से झुलसने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। एलयूवीएएस में पशु शल्य चिकित्सा और रेडियोलॉजी विभाग के प्रमुख आर.एन. चौधरी ने बताया कि शुरुआत में जलने के कारण बंदर चल नहीं पा रहा था। कई दिन की देखभाल और इलाज के बाद वह चलने तो लगा, लेकिन डाक्टरों ने पाया कि वह देख नहीं पा रहा है।
एक घंटे का ऑपरेशन

बंदर को एलयूवीएएस के सर्जरी विभाग में लाया गया। विश्वविद्यालय की पशु नेत्र इकाई में जांच के बाद डॉ. प्रियंका दुग्गल ने पाया कि बंदर की दोनों आंखों में सफेद मोतियाबिंद हो गया था। करीब एक घंटे के ऑपरेशन के बाद अब वह देख पा रहा है।

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