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नगर निगम में फर्जीवाडा़ का खेल : शहर में 200-250 बसें संचालित, खजाने में सिर्फ 50-60 का जमा हो रहा शुल्क

शहर में बस स्टैंड पर चुंगी वसूली में नगर निगम के खजाने को हर माह दो से ढाई लाख रुपए का फटका लग रहा है। निगम के खजाने में 50-60 बसों का शुल्क जमा किया जा रहा है। हकीकत में 200 से 250 बसें चल रहीं हैं। निगम के खजाने को हर माह जिम्मेदार लाखों रुपए का झटका दे रहे हैं। इसका खुलासा पार्षद अन्वित ओझा के जवाब में निगम की ओर दिए गए लिखित जानकारी से हुआ है।

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खंडवा

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Rajesh Patel

Nov 05, 2024

Municipal council

नगर निगम क्षेत्र में बस स्टैंडों पर बसों से अनुरक्षण शुल्क वसूल करता निगम कर्मचारी

शहर में बस स्टैंड पर चुंगी वसूली में नगर निगम के खजाने को हर माह दो से ढाई लाख रुपए का फटका लग रहा है। निगम के खजाने में 50-60 बसों का शुल्क जमा किया जा रहा है। हकीकत में 200 से 250 बसें चल रहीं हैं। निगम के खजाने को हर माह जिम्मेदार लाखों रुपए का झटका दे रहे हैं। इसका खुलासा पार्षद अन्वित ओझा के जवाब में निगम की ओर दिए गए लिखित जानकारी से हुआ है।

अधिकारी का तर्क है कि कुछ बस आपरेटर कोर्ट चले

निगम ने एक अप्रैल-2024 से 10 सितंबर- 2024 तक जवाब के अनुसार निगम को 3 लाख 25 हजार 800 रुपए शुल्क मिला है। इस शुल्क के पांच माह दस दिन के दौरान प्रतिदिन 43 बसें संचालित हो रही थीं। लेकिन हकीकत में इससे पांच गुना अधिक बसें संचालित हो रही हैं। बाजार अधिकारी का तर्क है कि कुछ बस आपरेटर कोर्ट चले गए हैं।

ऐसे समझें 200 से अधिक बसों का संचालन

शनिवार 2.50 बजे इंदौर रोड बस स्टैंड पर 18 बसें खड़ी रहीं। हर 10-15 मिनट पर यात्रियों को लेकर इंदौर, खरगोन रवाना हो रहीं थीं। उसी अनुपात में स्टैंड पर बसें आ भी रहीं थीं। मौजूद निगम कर्मचारी राहुल सिंह के अनुसार इस स्टैंड पर प्रतिदिन 50-60 बसें चलती हैं। बुकिंग करने वालों के मुताबिक 90-105 बसें चलती हैं। पुराने स्टैंड पर 11 बसें खडीं थीं। बुकिंग कर्मचारियों के अनुसार 75 बसें चलती हैं। सूरजकुंड स्टैंड पर दोपहर तीन बजे 6 बसें खड़ी रहीं। बुकिंग करने वालों के अनुसार 50-60 बसें चलती हैं। यदि इंदौर नाका पर 90, पुराने बस स्टैंड पर 70, और डीपो से 50 बसों का औसत लिया जाए तो 210 बसें होती है।

हर माह 2.25 लाख की चपत

बस स्टैंडों पर अगर 50 बसों की चुकी वसूल की जा रही है। और 150 की वसूली नहीं हो रही है। प्रति बस के अनुसार 7500 रुपए प्रतिदिन खजाने को नुकसान हो रहा है। इस औसत से हर माह 2.25 लाख रुपए से अधिक का झटका लग रहा है।

सुबह दस से शाम छह बजे तक ही शुल्क वसूली

-निगम कर्मचारी सुबह दस से शाम छह बजे तक बस स्टैंड पर ड्यूटी पर रहते हैं। शेष समय बसों के शुल्क की वसूली मनमानी तरीके से हो रही है। इंदौर नाका बस स्टैंड पर नियुक्त नगर निगम कर्मचारी राहुल सिंह ने बताया कि सुबह दस बजे आते हैं। शाम को छह बजे चले जाते हैं। इस बीच करीब सभी की वसूली हो जाती है। पुराने बस स्टैंड पर निगम कर्मचारी जितेन्द्र बॉथम को जिम्मेदारी है। इसी तरह डीपो बस स्टैंड पर रफीक खान को नियुक्त किया है। तीनों बस स्टैंड पर रात्रि में भी बसें संचालित हो रही हैं। लेकिन दिन में कर्मचारी ड्यूटी कर चले जाते हैं।

ऐसे समझें बसों का आंकडा

इंदौर रोड गोशाला बस स्टैंड

खंडवा-इंदौर रोड 25-30 बसें

खंडवा-खरगोन रोड 20-25 बसें

खंडवा-सनवाद 40-45 बसें

खंडवा से बड़वानी, धार, उज्जैन-10-15 बसें

पुराना बस स्टैंड

खंडवा-बुरहानपुर 45-50

खंडवा-मूंदी 8-10

खंडवा-धुलकूट 8-10

खंडवा-झिरनया 12-15

डीपो बस स्टैंड

खंडवा-हरसूद, हरदा 10-12

खंडवा-खालवा-13-15

खंडवा-डेढ़ तलाई 8-10

खंडवा-अमरावती-7-10

नोट : ये आंकड़े बस स्टैंड पर मौजूद बसों पर सवारी बुकिंग करने वालों से लिए गए हैं।

इनका कहना नगर निगम के बाजार प्रभारी प्रकाश राजपूत का कहना है कि कुछ बस आपरेटर मामले को लेकर कोर्ट गए हैं। इस लिए पूरी क्षमता से वसूली नहीं हो पा रही है। तीनों बस स्टैंड पर एक-एक कर्मचारी नियुक्त हैं। प्रत्येक बस से 50 रुपए का शुल्क निर्धारित है। हर रोज 2500 से 3000 रुपए की रसीद कट रही है।