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Ganesh chaturthi 2018: वास्तुदोषों को करें दूर, बस करना होगा ये छोटा और जबरदस्त कभी ना फेल होने वाला उपाय

वास्तुदोषों को करें दूर, बस करना होगा ये छोटा और जबरदस्त कभी ना फेल होने वाला उपाय

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Tanvi Sharma

Sep 07, 2018

ganesh ji

Ganesh chaturthi 2018: वास्तुदोषों को करें दूर, बस करना होगा ये छोटा और जबरदस्त कभी ना फेल होने वाला उपाय

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, दुखहर्ता कहा जाता है लेकिन क्या आपको पता है श्री गणेश कई वास्तुदोषों को भी दूर करते हैं। वास्तुदोषों का निवारण करने के लिए श्री गणपति जी की पूजा की जाती है। वास्तुशास्त्र के नियमों की रचना ब्रह्मा जी द्वारा की गई थी। भगवान गणेश जी को बुद्धिदाता कहा जाता है। सभी वेदों का ज्ञाता श्री गणेश जी प्रथमपूज्य है। इन्हें मानव कल्याण के लिए उनके सभी दुखों को हरने का जिम्मा सौंपा गया है। गणेश जी की पूजा व उनकी अनदेखी से घर परिवार को दरिद्रता का सामना करना पड़ता है। घर की दरिद्रता वास्तु दोष के कारण भी उत्पन्न होती है। वास्तु दोषों के कारण घर परिवार के लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिसमें शारीरिक, मानसिक, आर्थिक हानि भी होती है। इसलिए वास्तुदोषों को दूर करने के लिए गणपति जी का पूजन बहुत लाभकारी होता है। श्री गणेश की आराधना के बिना वास्तु देवता को संतुष्ट नहीं किया जा सकता। बिना तोड़-फोड़ अगर वास्तु दोष को दूर करना चाहते हैं तो इन्हें आजमाइए।

आपने कई घरों के मुख्य द्वार पर एकदंत की प्रतिमा या चित्र लगा देखा होगा। इसके पीछ एक कारण है कहा जाता है की घर के मुख्य द्वार पर गणेश जी का चित्र लगाने से घर में दोष उत्पन्न नहीं होते। तो इस गणेशोत्सव आप अपने घर के मुख्य द्वार पर एकदंत की प्रतिमा या चित्र लगाएं और हो सके तो दूसरी तरफ ठीक उसी जगह पर गणेशजी की प्रतिमा इस प्रकार लगाएं कि दोनों गणेशजी की पीठ मिलती रहे। इस प्रकार से दूसरी प्रतिमा का चित्र लगाने से घर से सभी वास्तुदोष दूर होते हैं।

आप अपने घर या कार्यस्थल पर किसी भी जगह वक्रतुंड की प्रतिमा या चित्र लगाएं। इससे आपको अपने कार्य में प्रगति मिलेगी और सुख-समृद्धि प्राप्त होगी। लेकिन गणेश जी की प्रतिमा लगाते समय एक बात का हमेशा ध्यान रहे कि किसी भी स्थिति में वक्रतुंड का मुख दक्षिण दिशा या नैऋत्य कोण में ना हो। ऐसी स्थिति में इसके विपरीत प्रभाव देखने को मिलेंगे।

सर्वमंगल की कामना के लिए इस गणेशोत्सव सिंदूरी रंग के गणपति की आराधना करना आपके लिए लाभकारी रहेगी। लेकिन आपको कुछ विशेष ध्यान देना होगा की विघ्नहर्ता की मूर्ति या चित्र में उनके बाएं हाथ की तरफ सूंड घुमी हुई हो। क्योंकि दाएं हाथ की तरफ घूमी हुई सूंड वाले गणेशजी की आराधना बहुत कठिन होती है।

गणेशजी की स्थापना करते समय हमेशा ध्यान रखें की घर में बैठे हुए गणेशजी की स्थापना करें और कार्यस्थल पर खड़े गणेशजी का चित्र लगाएं। किंतु यह ध्यान रखें कि खड़े गणेशजी के दोनों पैर जमीन का स्पर्श करते हुए हों, इससे आपके कार्य में स्थिरता बनी रहती है और आमदनी तेजी से होने लगती है।

भवन के ब्रह्म स्थान यानि की घर के बीच में ईशान कोण एवं पूर्व दिशा में सुखकर्ता की मूर्ति या चित्र लगाना चाहिए। यह बहुत शुभ मान जाता है। इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है।