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हाईकोर्ट का आदेश : पीथमपुर में ही 72 दिन में जलेगा यूनियन कार्बाइड (यूका) का जहरीला कचरा

Union Carbide : यूनियन कार्बाइड (यूका) का जहरीला कचरा पीथमपुर में ही जलेगा। गुरुवार को सरकार ने हाईकोर्ट के सामने ट्रायल रन की स्टेट्स रिपोर्ट पेश की।

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Union Carbide waste in Pithampur

Union Carbide waste

ट्रायल रन रिपोर्ट… सभी नियमों का हो पालन, निगरानी भी करें

Union Carbide : यूनियन कार्बाइड (यूका) का जहरीला कचरा पीथमपुर में ही जलेगा। गुरुवार को सरकार ने हाईकोर्ट के सामने ट्रायल रन की स्टेट्स रिपोर्ट पेश की। सरकार की ओर से बताया गया कि जिस तरह की प्रगति रही है, उससे 72 दिन में कचरे को जलाकर निष्पादन किया जा सकता है। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत व जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने रिपोर्ट को रेकॉर्ड पर लेते हुए सभी नियमों के पालन करने के आदेश दिए।

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Union Carbide : रोज 270 किलोग्राम कचरे को जलाया गया

हाईकोर्ट में पेश रिपोर्ट में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों और सरकार की ओर से बताया गया कि रामकी के संयंत्र में रोज 270 किलोग्राम प्रति घंटे की गति से यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाया गया है। इसी रफ्तार से अगले 72 दिनों में पूरा कचरा खत्म कर दिया जाएगा। सरकार ने कोर्ट को आश्वस्त किया है कि कचरा नष्ट करने की प्रक्रिया पूरी तरह प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की निगरानी में की जा रही है। इससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा। कोर्ट ने कचरा निस्तारण पर उठी आपत्तियों और सुझावों को सरकार के समक्ष रखने की छूट भी दी है।

Union Carbide : लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए

हाईकोर्ट ने सरकार को यह भी निर्देश दिए कि पूरे मामले में नियमों का पूरी तरह से पालन हो। किसी तरह की लापरवाही न बरती जाए। पीथमपुर के स्थानीय लोगों को भी कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्रीय और मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की निगरानी में पूरा कचरा जलाना चाहिए।

Union Carbide : सरकार को दें सुझाव

वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने बताया, मामले में कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिकाओं पर कहा है, हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित समिति की देखरेख में कचरे का निस्तारण किया जा रहा है। इस समिति में नीरी समेत कई विशेषज्ञ संस्थाएं हैं। इसलिए निस्तारण प्रक्रिया को गलत नहीं कहा जा सकता। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को अपने सुझाव सरकार को देने कहा है।

Union Carbide : 3 चरणों में 30 टन जला

पहला चरण: 27 फरवरी को ट्रायल। 135 किग्रा कचरा हर घंटे जलाया।
दूसरा चरण: 5 मार्च को दूसरा चरण शुरू, 180 किग्रा कचरा हर घंटे इंसीनरेटर में।
तीसरा चरण: 10 मार्च को आखिरी ट्रायल रन शुरू, हर घंटे 270 किग्रा कचरा जलाया।