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अंतरिक्ष की धूल की विशेष ईंटों से चांद पर बनाए जाएंगे मकान, ईएसए की तैयारियां

3डी प्रिंटिंग तकनीक का इस्तेमाल, लेगो जैसी डिजाइन

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लंदन . यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) ने चांद पर घर बनाने का अनोखा तरीका खोज निकाला है। अंतरिक्ष की धूल से लेगो (बच्चों के प्लास्टिक ब्लॉक खिलौने) जैसी ईंटें बनाकर चांद पर घर का निर्माण किया जा सकेगा। इन ईंटो को आसानी से चांद पर ले जाया या बनाया जा सकता है।

चांद की सतह पर मिलने वाली मिट्टी और पत्थरों को रेगोलिथ कहते हैं। ईएसए इसी रेगोलिथ से ईंटे बनाने के लिए खास 3डी प्रिंटिंग तकनीक का इस्तेमाल करेगी, जिसे सिंटरिंग कहते है। सिंटरिंग तकनीक में रेगोलिथ को पिघलने से पहले के तापमान पर गर्म कर इनसे लेगो की डिजाइन की ईंटें बनाई जाएंगी। ईंटो को जोडक़र चांद पर घर का निर्माण किया जा सकेगा।

क्या होंगे फायदे

लेगो जैसी ईंटों के इस्तेमाल का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इन्हें जोडक़र आसानी से अलग किया जा सकता है और अलग-अलग आकार की इमारत बनाई जा सकती है। यह अंतरिक्ष के कठिन वातावरण के हिसाब से इमारतें बनाने में काफी मददगार होगा। अंतरिक्ष यात्री इन ईंटों से जल्दी निर्माण कर सकेंगे।

प्रतिकूल वातावरण

ईएसए के विज्ञान सलाहकार एडन काउली का कहना है कि अंतरिक्ष की धूल से सडक़ें और लॉन्च पैड के लिए ठोस ब्लॉक भी बनाए जा सकते हैं। इनसे बने आवास अंतरिक्ष यात्रियों को प्रतिकूल चंद्र वातावरण से बचाएंगे। चांद की धूल लगातार सूर्य से निकलने वाले विकिरण के संपर्क में रहती है। इससे उसमें विद्युत आवेश आता है और उसके गुण बदल जाते हैं।