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आइएएस ललित गोयल बोले, यूआईटी देगा बाजार से कम कीमत में भूखंड 

राजस्थान पत्रिका ने भीलवाड़ा नगर विकास न्यास सचिव एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी ललित गोयल से बातचीत की। उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश।

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भीलवाड़ा। शहर के विकास एवं नगर नियोजन की धुरी नगर विकास न्यास अक्सर विवादों में घिरा रहता है। बेहतर कार्य करने एवं शहरी बाशिंदों को अच्छी सौगात के दावों के बावजूद शिकवे शिकायतें हर वर्ग को रहते हैं। बाजार दर से काफी कम दरों में 3081 भूखंड लॉटरी के जरिए जल्द आवंटित करने का दावा भी इन दिनों विवाद में से है। नदी के उस पार ई-टू जोन को विकसित करने की योजना पर भी सवाल उठे हैं। न्यास की विभिन्न आवासीय योजनाओं के साथ ही आरोपों पर राजस्थान पत्रिका ने भीलवाड़ा नगर विकास न्यास सचिव एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी ललित गोयल से बातचीत की। उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश।

सवाल: अभी तक की सबसे बड़ी योजना कौनसी है, किस प्रकार की प्रगति है ?

जवाब: 3081 भूखंडों का आवंटन लॉटरी के जरिए करना, यह अभी तक की बड़ी आवासीय योजना है। इसमें बाजार कीमत से काफी कम दरों पर शहर में 3081 भूखंडों का आवंटन लॉटरी के जरिए होगा। इसके लिए 92 हजार 152 फार्म बिके हैं, बैंकों के जरिए 88 हजार 372 आवेदन फार्म प्राप्त हो चुके हैं। संभवत प्रदेश की यह सबसे बड़ी लॉटरी होगी, जिसमें समूचे प्रदेश से लोग जुड़ेंगे। सफल आवेदकों को बाजार दर से भी काफी कम दरों पर भूखंड दिए जाएंगे।

सवाल: भूखंड आवंटन के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया क्यों नहीं अपनाई गई ?

जवाब: राज्य सरकार की बजट घोषणा के तहत भूखंड आवंटन लॉटरी निकाली जाने की प्रक्रिया अपनानी थी, समय कम था और विभागीय सॉफ्टवेयर डवलपमेंट में समय लग रहा था, ऐसे में ऑफ लाइन प्रक्रिया अपनाई गई। लॉटरी की प्रक्रिया जरूर ऑनलाइन रहेगी और इसमें पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी।

सवाल: आवेदकों के व्यक्तिगत डाटा लीक होने की संभावना है ?

जवाब: नहीं, यह संभव नहीं हो पाएगा, बैंक खुद प्राप्त आवेदनों का डाटा अपलोड कर रहे हैं। यह डाटा न्यास में भी लॉक रहेंगे। आईटी के जरिए ही तय सीमा में इस का डिस्पोजल किया जाएगा।

सवाल: असफल आवदेकों की पंजीयन राशि कब वापस लौटाई जाएगी ?

जवाब: लॉटरी में असफल रहे आवेदकों की पंजीयन राशि पन्द्रह दिवस के भीतर लौटाने के प्रयास रहेंगे।

सवाल: ई-टू जोन प्लान लेकर कोई विवाद है ?

जवाब: योजना क्षेत्र का फैलाव 5100 हैक्टेयर क्षेत्र में है। यहां बारह सौ फीट की रोड प्रस्तावित नहीं है। एक हजार फीट की ग्रीन बेल्ट है। इसमें एक छोर पर सौ फीट व दूसरे छोर पर भी सौ फीट रोड है। वर्ष 2013 से योजना लंबित है। समय के साथ योजना क्षेत्र में बदलाव भी संभव है।किसानों को खेती करने से कोई नहीं रोकेगा, आबादी क्षेत्र में भी किसी प्रकार से छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। ना ही किसी का अनुचित दबाव बर्दाश्त किया जाएगा।

सवाल: ई-टू जोन का प्लान न्यास स्तर पर ही बनेगा ?

जवाब: जी कतई नहीं, आपत्ति पर सुझाव आने के बवजूद न्यास इसे अंतिम रूप देने में सक्षम नहीं है। इसमें एक उच्च स्तरीय कमेटी बनेगी। इसमें टाउन प्लानिंग जयपुर, एसटीपी अजमेर, यूडीएच के सदस्य शामिल होंगे। यह कमेटी प्रारूप को फाइन रूप देगी और यही कमेटी अपनी रिपोर्ट को बोर्ड बैठक में पेश करेगी। इसके बाद राज्य सरकार को भेजा जाएगा। राज्य सरकार भी अपने स्तर पर इसकी जांच करती है। इसके उपरांत ही नोटिफिकेशन की प्रक्रिया पूर्ण हो सकेेगी।

सवाल: शहर को नया ओवरब्रिज व एलीवेटड रोड कब मिलेंगे ?

जवाब: एलीवेटेड रोड को लेकर सर्वे हुआ है। इसके आधार पर गायत्री आश्रम से लेकर रिलायंस मॉल तक एलीवेड रोड का निर्माण कार्य करवाया जाना प्रस्तावित है। प्रस्तावित नया ओवरब्रिज रेलवे लाइन के ऊपर से गुजरेगा। ऐसे में रेलवे की कार्य योजना के जरिए ही आगे बढ़ेंगे।

सवाल: चारों पुलियाओं के निर्माण कार्य के हाल बुरे हैं, क्यों

जवाब: शहर में अभी चार एचएलबी ब्रिज का कार्य निर्माणाधीन है। इनके निर्माण कार्य को लेकर सरकार गंभीर है। केशव पुलिया का लोड टेस्ट कराने की तैयारी है। जोधडास पुलिया से अप्रोच रोड को जोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जोधड़ास रेलवे एचएलबी को लेकर संवेदक को पाबंद किया जा चुका है। सांगानेर का कार्य प्रगति पर है।