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गजानन पहाड़ी के इर्द गिर्द बन गई अवैध बस्ती, सुरक्षित नहीं रहा यहां पर जाना

-वर्षों पुरानी पानी की टंकी का एक हिस्सा झुका, हादसे की आशंका। -छोटे से आकर में सिमटने से आजू बाजू नजर आने लगी खाई, कमजोर फेंसिंग से सुरक्षा का दावा।

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दमोह

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Aakash Tiwari

May 16, 2025

दमोह. शहर की पुरानी बसाहट वाले क्षेत्र में स्थित गजानन पहाड़ी अतिक्रमण की भेंट चढ़ चुकी है। एक दशक में यहां पर पहाड़ी को काटकर लोगों ने एक घनी बस्ती बना ली है। शासन की योजनाओं का लाभ उठाते हुए पक्के मकान तान लिए हैं। हालत यह है कि कभी विशाल दिखने वाली यह पहाड़ी अब सिमटकर छोटी नजर हो चुकी है। हैरानी की बात यह है कि यहां पर हुए अवैध कब्जे को लेकर प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है। दूसरी तरफ सुरक्षा की बात करें तो पहाड़ी के आजू-बाजू जहां पहले नीचे उतरने के लिए हर कोने से जगह थी। वहीं अब ऐसा नहीं है। अवैध अतिक्रमण के कारण पहाड़ी के दोनों ओर ९० डिग्री के समान खाई दिखने लगी है। यानी यदि कोई यहां से गिरता है तो उसका बचना संभव नहीं है।
-फैंसिंग हुई क्षतिग्रस्त, झूलने लगी जालियां
संतोषी माता की पहाड़ी के नाम से भी इसे जाना जाता है। ऊपरी हिस्से में पूर्व में फैंसिंग कराई गई थी, लेकिन अब यह जर्जर हालत में पहुंच चुकी है। कई हिस्सों पर यह क्षतिग्रस्त हो चुकी है। खासबात यह है कि ऊपरी हिस्सा भी सिमटकर छोटा नजर आने लगा है। ऐसे में यहां पर भीड़ बढऩे पर हादसे का भी डर रहता है। वहीं, सपोटिंग फैंसिंग भी कमजोर हो चुकी है।
-पानी की टंकी के ढहने का खतरा
इसी पहाड़ी पर विशाल पानी की टंकी बनी हुई है। इससे एक दर्जन से ज्यादा घरों में पानी जाता है। पूर्व में पानी की टंकी पहाड़ी के लगभग बीच में रखी नजर आती थी, लेकिन अवैध खनन होने के कारण यह टंकी पहाड़ी के एक हिस्से में दिखाई देने लगी है। खासबात यह है कि इसका एक हिस्सा झुका भी नजर आता है। इससे टंकी के ढहने की भी आशंका बनी हुई है। बारिश में भू-स्खलन होने से यह टंकी आफत बन सकती है।
-बीएलसी योजना के जरिए बना लिए आशियाने
पहाड़ी के चारो तरफ सैकड़ों पक्के मकान दिखाई देते हैं। अधिकांश बीएलसी की राशि से बनाए गए हैं। पहाड़ी पर बकायदा एक सड़क भी बनाई गई है, जो ऊपर तक जाती है। अतिक्रमण बकायदा जारी है। धीरे-धीरे लोग ऊपरी हिस्से पर भी कब्जा करने की फिराक में है।

वर्शन
अवैध कब्जे हटाने को लेकर कार्रवाई के निर्देश दिए जा चुके हैं। जहां तक पहाड़ी की बात है तो संबंधित विभाग को जांच के निर्देश देता हूं।

सुधीर कुमार कोचर, कलेक्टर