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नरसिंहपुर में निर्देश-नियम हवा हवाई, न पार्किंग स्थल तय ना रेडियम रिफ्लेक्टर लगे

road accidents and trafficनरसिंहपुर. जिले में गांव-शहर की सडक़ें हों या हाइवे-स्टेट हाइवे हो हर जगह गन्ना परिवहन में लगीं ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की सघन आवाजाही बनी हुई है। इन वाहनों की मिलों, धर्मकांटों पर पार्किंग के लिए उचित व्यवस्था नहीं होने से आवागमन में लोगों को हर दिन जोखिम का सामना करना पड़ रहा है। जिला […]

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जिले में इस तरह ट्रैक्टर-ट्रॉलियां जोखिम बढ़ा रहीं हैं।

road accidents and trafficनरसिंहपुर. जिले में गांव-शहर की सडक़ें हों या हाइवे-स्टेट हाइवे हो हर जगह गन्ना परिवहन में लगीं ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की सघन आवाजाही बनी हुई है। इन वाहनों की मिलों, धर्मकांटों पर पार्किंग के लिए उचित व्यवस्था नहीं होने से आवागमन में लोगों को हर दिन जोखिम का सामना करना पड़ रहा है। जिला प्रशासन ने सडक़ हादसे रोकने और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के कारण कहीं आवागमन में व्यवधान न हो इसे लेकर पार्किंग स्थल बनाने, रेडियम रिफ्लेक्टर लगाने निर्देश तो दिए थे लेकिन इन निर्देशों का कहीं पालन होते नहीं दिख रहा है। आए दिन कहीं ट्रॉलियां दुर्घटना ग्रस्त हो रही हैं तो कहीं हाइवे पर इनकी लंबी लाइन दिख रही है।
जिले में हर वर्ष गन्ना सीजन के दौरान बड़ी संख्या में गन्ना परिवहन करने के लिए बाहर से भी वाहन आते हैं। वहीं जिले में भी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की संख्या 25 हजार से अधिक है। वर्ष भर तो इन वाहनों से आवागमन में दुर्घटनाओं का डर नहीं रहता। लेकिन गन्ना सीजन के दौरान सडक़ों पर जोखिम बढ़ जाता है। जिसकी बड़ी वजह यह है कि मिलों, भट्टियों से लेकर धर्म कांटों पर तक इनकी पार्किंग के लिए कोई स्थान निर्धारित नहीं रहता। जिससे किसानों को ठंड के मौसम में दिन रात सडक़ किनारे वाहन लेकर इंतजार करना पड़ता है कि कब उनके गन्ने की तौल हो और वह घर लौटे। किसानों के सामने यह भी संकट रहता है कि यदि वह निर्धारित स्थल से थोड़ी दूर जाएंगे तो फिर उनके गन्ने की तौल में अधिक समय लगेगा। इसलिए किसान भी वाहन लिए सडक़ों के किनारे जोखिम और परेशानियां उठाने मजबूर हैं। जिले में नरसिंहपुर-मुंगवानी हाइवे हो या करेली-गाडरवारा स्टेट हाइवे, करेली-सागर हाइवे हर जगह यही स्थिति बनी है कि सडक़ों पर वाहनों की बेतरतीब पार्किंग रहती है।
जिले में अधिकांश धर्मकांटे, शुगर मिलें, गुड़ भ_ियां और बड़े संग्रहण केंद्र राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य मार्ग और प्रमुख ग्रामीण सडक़ों के आसपास स्थित हैं। ऐसे में दिन-रात गन्ना से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की आवाजाही सघन रहती है। बाहर से बड़ी संख्या में वाहन आने से दबाव और बढ़ जाता है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि अधिकांश ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में पर्याप्त लाइट, रेडियम रिफ्लेक्टर नहीं रहते। कई वाहन सडक़ किनारे बिना किसी सुरक्षा संकेत के खड़े रहते हैं, जिससे रात में दुर्घटनाओं की आशंका कई गुना बढ़ जाती है।
प्रशासन के निर्देश बैठक तक सीमित
जिला प्रशासन ने इस संबंध में निर्देश दिए थे लेकिन वह बैठक तक सीमित होकर रह गए हैं। जिससे न तो उचित पार्किंग व्यवस्था देखने मिल रही है और न ही वाहनों में रेडियम रिफ्लेक्टर लग रहे हैं। निर्देशों का जमीनी स्तर पर पालन होने का आमजनों, वाहन चालकों को बेसब्र इंतजार है।
वर्जन
गन्ना वाली ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में मिलों को रेडियम रिफ्लेक्टर लगाना है और पार्किंग स्थल तय करना है। जहां-जहां निर्देशों का पालन नहीं हो रहा हैं वहां निरीक्षण कर व्यवस्था कराएंगे। विभाग स्तर पर भी वाहन चालकों को जागरूक करेंगे।

रवि बरेलिया, जिला परिवहन अधिकारी नरसिंहपुर