
Badavath Madhulatha: तेलंगाना की छात्रा बदावथ मधुलता (Badavath Madhulatha) को अब बकरी चराने की जरूरत नहीं। वो मुफ्त में बीटेक की शिक्षा हासिल करेंगी। 824वीं रैंक से जेईई क्रैक करने के बाद आईआईटी पटना (IIT Patna) से मधुलता को सीट आवंटित हुआ। उनके परिवार ने सीट सुरक्षित रखने के लिए 17,500 रुपये का भुगतान भी किया था। लेकिन पूरी फीस जमा न कर पाने के कारण उन्हें वापस से बकरी चराने पर मजबूर होना पड़ा। हालांकि, अब वे आईआईटी से पढ़ाई करके अपने सपनों को पूरा करेंगी।
ट्राइबल वेलफेयर जूनियर कॉलेज के फैकल्टी की एक ट्वीट (X) ने मधुलताके लिए फंडिंग की अपील की थी, जिसके बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय किया। मधुलता ने आदिवासी कल्याण आयुक्त से 2,51,831 रुपये की मांग की थी। इस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें 1 लाख रुपये की छूट तथा अन्य खर्चों जैसे कि शैक्षणिक शुल्क, छात्रावास शुल्क, मेस शुल्क और लैपटॉप आदि के लिए 1,51,831 रुपये की मदद देने की बात कही थी।
आईआईटी पटना (IIT Patna) ने मधुलता की फीस माफ करने का फैसला लिया है। आज यानी कि 29 जुलाई को मधुलता और उनके परिवार का आईआईटी पटना में स्वागत हुआ। इस पर आईआईटी पटना के निदेशक प्रोफेसर टीएन सिंह ने कहा कि पहले भी आईआईटी पटना आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार की लड़कियों की मदद करता रहता है। संस्थान ने आदिवासी छात्रा मधुलता के लिए वित्तीय भार जैसे कि पढ़ाई, आवास और मेस सुविधा आदि, के साथ सभी व्ययों का भार उठाने का निर्णय किया है।
यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बदावथ मधुलता (Badavath Madhulatha) तेलंगाना के राजन्ना सिरसिला जिले की रहने वाली हैं, जिन्होंने इस साल आईआईटी पटना में अपनी जगह बनाई है। मधुलता ने अनुसूचित जनजाति (ST) कैटेगरी में 824वीं रैंक हासिल की। उनके पिता मजदूरी करते हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है, जिस वजह से वे फीस जुटाने में सक्षम नहीं थे। फीस भुगतान की अंतिम तारीख 27 जुलाई थी। ऐसे में परिवार वालों ने हार मान ली थी। मधुलता के परिवार को बीटेक कोर्स के लिए कम से कम 2.51 लाख रुपये जुटाने थे।
Published on:
29 Jul 2024 06:04 pm
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