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महाकुंभ 2025 : पहली बार पानी के अंदर ड्रोन और सोनार से होगी निगरानी

संगम और वीआइपी घाटों पर दो फ्लोटिंग रेस्क्यू स्टेशन स्थापित किए जाएंगे, जो हादसों से निपटने के लिए प्राथमिक चिकित्सा और आवश्यक उपकरणों से लैस होंगे।

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प्रयागराज. महाकुंभ-2025 के दौरान सुरक्षा को चाक चौबंद रखने के लिए मेला पुलिस पानी के अंदर ड्रोन और सोनार तकनीक से निगरानी करेगी। प्रयागराज जोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक भानु भास्कर ने बताया, 45 दिन चलने वाले इस मेले में जलमग्न क्षेत्रों की निगरानी के लिए पानी के अंदर ड्रोन तैनात किए जाएंगे, जबकि दुर्घटना की स्थिति में किसी व्यक्ति या कीमती सामान को बाहर निकालने के लिए सोनार तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि घाटों के विस्तार के साथ ही किसी भी दुर्घटना को रोकने के लिए नदियों के अंदर 8 किमी लंबी बैरिकेडिंग बनाई जाएगी। उन्होंने बताया, घाटों और नदियों के बीच के इलाकों में वाटर स्कूटर ब्रिगेड भी गश्त करेगी। 25 वाटर स्कूटर से लैस यह ब्रिगेड आपात स्थिति के दौरान तेजी से एक्शन लेगी। इसके अलावा संगम और वीआइपी घाटों पर दो फ्लोटिंग रेस्क्यू स्टेशन स्थापित किए जाएंगे, जो हादसों से निपटने के लिए प्राथमिक चिकित्सा और आवश्यक उपकरणों से लैस होंगे।

सुरक्षा की जिम्मेदारी पीएसी और जल पुलिस को
अनाकोंडा नौकाओं सहित अलग-अलग नावें पीएसी को दी जाएंगी। सतह और पानी के अंदर की सुरक्षा की जिम्मेदारी पीएसी और जल पुलिस को सौंपी गई है। आगंतुकों की सुरक्षा मेला पुलिस प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। संभावित खतरों से निपटने के लिए घाटों और नदियों पर सुरक्षा बढ़ाई जाएगी। ताकि नियमित और आपातकालीन दोनों स्थितियों में सतर्कता सुनिश्चित की जा सके।


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