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मकर संक्रांति की अलग-अलग परंपरायें, देश के हिस्सों में किस नाम से मनाते हैं लोग

मकर संक्रांति के दिन की अलग-अलग परंपरा और मान्यताएं

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भोपाल

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Tanvi Sharma

Jan 03, 2020

Makar Sakranti 2020: know traditions of sakranti what to do this day

मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जायेगी। संक्रांति साल का प्रथम त्यौहार होता है और इसी दिन से हिंदू धर्म के पर्वों की शुरुआत होती है। मकर संक्रांति का पर्व सभी जगहों पर अपनी-अपनी परंपराओं के अनुसार मनाया जाता है। कई जगहों पर इस दिन पतंग उड़ाई जाती है। कहीं तिल,गुड़ से बनी मिठाईयों को खाया जाता है। वहीं अलग-अलग राज्यों में संक्रांति को लेकर परंपराओं के बारे में जानते हैं कैसे मनाते हैं संक्रांति...

अगल-अलग राज्यों में कैसे मनती है मकर संक्रांति

भारत को विविधताओं का देश कहा जाता है। यहां सभी पर्व-त्योहार अनेक परंपराओं के साथ मनाये जाते हैं। विविधताओं के बीच यही त्योहार हमें भाईचारे से रहने का संदेश देते हैं।

मकर संक्रांति का त्योहार खासकर उत्तर भारत में मनाया जाता है। इसके अलावा असम में इस त्योहार को बीहू के नाम से मनाया जाता है। दक्षिण भारत में इसे पोंगल कहा जाता है तो वहीं हरियाणा और पंजाब में इसे लोहडी के नाम से मनाया जाता है। एक दिन मकर संक्रांति को देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग नाम से पुकारा जाता है। यह सभी त्योहार किसी न किसी रूप में हमारी विविधता को समृद्ध करते हैं तथा एकरूपता का पैगाम देते हैं।

मकर संक्रांति के दिन की अलग-अलग परंपरा और मान्यताएं

मकर संक्रांति के दिन गंगा या विभिन्न तीर्थों के जल में स्नान करने की परंपरा भी तन-मन की शुद्धि करती है। तीर्थ स्थानों का जल पवित्र माना जाता है और रासायनिक रूप से भी यह बहुत विशेष होता है। इसलिए मकर संक्रांति के दिन स्वास्थ्य लाभ के लिए पवित्र नदियों में स्नान को बहुत महत्व दिया गया है। ऋषियों के अनुसार भी इस दिन किया गया स्नान तन, मन और जीवन के लिए बहुत लाभदायक माना गया है। शास्त्रों की मान्यता है कि इस दिन स्नान न करने से जातक रोगी और दुर्भाग्यशाली होता है।