
Mithun Sankranti 2020 on 14 june 2020 : And its Importance
सूर्य का राशि परिवर्तन संक्रांति कहलाता है। जब सूर्य जिस भी राशि में जाते हैं, उसे उसी राशि की संक्रांति कहा जाता है। सौर वर्ष के मास का निर्धारण भी सूर्य के राशि परिवर्तन से ही होता है। सूर्य कभी वक्री गति नहीं करता है।
वहीं साल 2020 मे मिथुन संक्रांति का पर्व 14 जून 2020 को मनाया जाएगा। मिथुन संक्रांति उन 12 राशियों में एक है जिसमें सूर्यदेव अलग अलग राशि नक्षत्र पर विराजमान होते हैं।
मिथुन संक्रांति शुभ मुहूर्त 2020
साल 2020 में मिथुन संक्रांति का पर्व 14 जून 2020 को रविवार के दिन मानाय जाएगा। मिथुन संक्रांति पुण्यकाल शुभ मुहूर्त 14 जून को 12 बजकर 22 मिनट से शाम 7 बजकर 20 मिनट तक होगा। संक्रांति काल का समय 13-14 जून 2020 की दरमियानी रात में 12.22 मिनट पर होगा। संक्रांति के दिन महापुण्य काल का शुभ समय शाम 5.01 बजे से 7.20.16 बजे तक होगा।
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार इस संक्रांति में दान दक्षिणा, स्नान व पूण्य कमाने का बहुत महत्व रहता है। मिथुन संक्रांति से सौर्यमंडल में बहुत बड़ा बदलाव आता है यानि मिथुन संक्रांति के बाद से ही वर्षा शुरु हो जाती है, जिसे हम वर्षा ऋतु कहते हैं।
यह वह दिन होता है जब सूर्य वृषभ राशि से बार निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश कर लेता है और सारी राशियों में नक्षत्र की दिशा बदलती जाती है।
सूर्य में आए बदलाव को बहुत बड़ा माना जाता है। यहीं कारण है कि इस दिन पूजा अर्चना का विशेष महत्व भी होता है। इस संक्रांति के देश के हरएक कौने में अलग अलग तरीके से मनाया जाता है। खास तौर से उड़ीसा में इस पर्व पर लोग अच्छी खेत और बारिश की मनोकामना करते हुए रज पर्व मनाते हैं।
मिथुन संक्रांति पूजा विधि ( Mithun Sankranti Vrat Khath )
मिथुन संक्रांति के दिन सिलबट्टे को भूदेवी मानकर इसकी पूजा की जाती है। मान्यताओं के अनुसार सिलबट्टे को दूध और पाने से स्नान आदि कराकर चंदन, सिंदूर, फूल व हल्दी चढ़ाने के विधान है।
इस दिन पूजा करने के बाद गरीबों, जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को दान देने का बहुत अधिक महत्व है। चार दिनों तक माने जाने वाले इस पर्व को लोग पूरे हर्षोउल्लास के साथ मनाते हैं।
13 जून 2020, शनिवार के दिन सूर्य मध्य रात्रि के बाद बुध की राशि मिथुन में प्रवेश करने जा रहा है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार यह संक्रांति मिथुन, कर्क, सिंह कन्या, तुला, वृश्चिक और कुभ वालों के लिए विशेष रूप से लाभकारी रहेगी।
संक्रांति के दिन स्न्ना और दान का विशेष महत्व है। इस संक्रांति के बाद वर्षा ऋतु का आगमन होता है। इस दिन सूर्य भगवान की उपासना करने के पुन्य फलों की प्राप्ति होती है। मिथुन संक्रांति का यह पर्व सभी पर्वों में एक खास महत्व रखता है।
मिथुन संक्रांति 2020 का राशियों पर असर...
1. मेष राशि :
यह समय आपके लिए शुभ फलदायी बना रहेगा। आपको व्यापार व्यवसाय में सफलता प्राप्त होगी और साथ ही रुके हुए कार्य पूरे होंगे। शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी। यह समय आपके लिए सकारात्मक व ऊर्जा से भरा रहेगा। पारिवारिक व सामाजिक जीवन में मान-सम्मान की प्राप्ति होगी।
2. वृषभ राशि :
यह समय आपके लिए धन निवेश करवाने वाला रह सकता है। व्यापार व्यवसाय में लाभ की जगह हानि का सामना करना पड़ सकता है सचेत रहें। इस समय में अपनों की नाराजगी का सामना आपको करना पड़ सकता है। इस दौरान नेत्र रोग सहित स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहें। जो कार्य आपके आसानी से हो रहे थे उन कार्यों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। आपके मान सम्मान में कमी भी इस समय आ सकती है।
3. मिथुन राशि :
यह समय आपके लिए आर्थिक व व्यक्तिगत जीवन पर प्रभाव डालने वाला रहेगा। यह समय धन की हानि कराने वाला, नौकरी व व्यवसाय में अधिकारियों से झगड़ा, मान सम्मान में कमी लाने की संभावनाएं दिखा रहा है। किसी अप्रिय घटना पर बदनामी का सामना भी आपको करना पड़ सकता है। सेहत के मामले में लापरवाही न बरतें।
4. कर्क राशि :
यह समय आपके लिए विशेष रूप से आर्थिक चुनौतियों से परिपूर्ण बना रहेगा। लाभ से संबंधित कोई भी निर्णय सोच-समझकर लें, नहीं तो हानि उठानी पड़ सकती है। नौकरी और व्यवसाय में अधिकारियों की नाराजगी सहन करनी पड़ सकती है। व्यापारी वर्ग को व्यापार में हानि उठानी पड़ सकती है। किसी विवाद में ना पड़ें। बुखार, पेट दर्द, नेत्र संबंधी रोगों से सावधान रहें।
5. सिंह राशि :
यह समय आपके लिए अर्थ, धर्म, लाभ, आर्थिक व सामाजिक स्थिति में सुधार व उन्नति दिलाने वाला रहेगा। इस समय आप नौकरी व व्यवसाय में परिवर्तन करना चाहें तो कर सकते हैं, यह समय आपके लिए लाभ का बना रहेगा। इस समय में कार्यक्षेत्र में आपकी उन्नति अधिकारियों व राज्य की तरफ से शुभ समाचारों की प्राप्ति हो सकती है। इस समय में समाज में आपकी प्रतिष्ठा बढ़ सकती है।
6. कन्या राशि :
यह समय आपके लिए शुभ फलदायी रहेगा। आपके सभी कार्य बनते हुए नजर आएंगे। नौकरी व व्यवसाय के क्षेत्र में लाभ मिल सकता है। कार्योन्नति व प्रगति के लिए किए जा रहे प्रयास सफल होते नजर आएंगे। घर परिवार में सुख-शांति के साथ ही कार्यस्थल पर वरिष्ठ अधिकारियों की प्रसन्नता बनी रहेगी। जहां से आशा ना हो ऐसी जगह से भी धन लाभ हो सकता है।
7. तुला राशि :
यह समय आपके लिए मध्यम फलदायी बना रहेगा, इस समय में आप किसी षड्यंत्र के शिकार हो सकते हैं। आपके ऊपर झूठा आरोप लग सकता है, जिससे आपको मानसिक अशांति हो सकती है। बिना कारण धन व पुण्य की हानि उठानी पड़ सकती है। परिवार के सदस्यों व मित्रों से मतभेद या विचारों में कड़वाहट का सामना करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें।
8. वृश्चिक राशि :
यह समय आपके लिए हानी व शारीरिक बाधाओं वाला बना रहेगा। इस समय में कानून संबंधित के झगड़ा आदि की संभावनाएं बन सकती है। पति और पत्नी में झगड़ा हो सकता है। इस समय में पारिवारिक सुखों में कमी बनी रह सकती है। इस समय में मित्रों और रिश्तेदारों से पराजय का डर बना रहेगा।
9. धनु राशि :
यह समय आपके लिए वैवाहिक जीन में मुश्किलें पैदा करने वाला रह सकता है। इस समय पेट, गुदा संबंधी पीड़ा से गुजरना पड़ सकता है। इस समय आपके लक्ष्य में आपको बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। आप के सम्मान को हानि पहुंच सकती है। नौकरी व व्यवसाय में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।
10. मकर राशि :
यह समय आपके जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता देने वाला रहेगा। इस समय आपके लिए नौकरी व व्यवसाय में, पदोन्नति व सफलता प्राप्ति के योग बने हुए हैं। इस समय में रुके हुए कार्य पूरे होंगे। यह समय आपको मान सम्मान में वृद्धि दिलाने वाला और सांसारिक सुखों की प्राप्ति करवाने वाला बन रहा है। आपके कार्यों की सराहना व अपने उच्च अधिकारियों से अनुकूल संबंध बने रहने की उम्मीद भी कर सकते हैं।
11. कुंभ राशि :
यह समय आपके जीवन व स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकता है। इस समय में आपके शत्रुओं की वृद्धि हो सकती है। आपके अपने ही शत्रु तुल्य व्यवहार कर सकते हैं। इस समय आपको उधार देने से बचना चाहिए। लालच से दूर रहें क्योंकि इसके कारण आपको हानि उठानी पड़ सकती है। स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता भी रहेगी।
12. मीन राशि :
यह समय आपके लिए सामाजिक स्तर व मान-सम्मान में कमी व नौकरी और व्यवसाय में कठिनाइयों भरा रह सकता है। इस समय में आपको मित्र और रिश्तेदार के अलावा कुछ अधिकारियों से बातचीत करने में सावधानी रखनी पड़ सकती है, नहीं तो आप के बनते हुए कार्य बिगड़ सकते हैं। पारिवारिक जीवन मैं सुखों की कमी हो सकती है। शारीरिक स्वास्थ्य में कमी आती है।
Updated on:
14 Jun 2020 09:46 am
Published on:
11 Jun 2020 12:22 pm
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