यूक्रेन पीस समिट के लिए जेलेंस्की ने 10 पॉइंट का प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें यूके्रेन से रूसी सेना की वापसी और क्रीमिया समेत उन क्षेत्रों को भी आजाद करने की मांग रखी गई है, जिसपर उसने कब्जा कर रखा है। रूस, यूक्रेन के 9 फीसदी हिस्से पर अपना कब्जा मानता है।
एक शोध में सामने आया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के दो वर्षों की जलवायु लागत 175 देशों की ओर से वार्षिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन से भी ज्यादा थी। युद्ध आधारित जलवायु प्रभावों को लेकर अब तक के सबसे बड़े विश्लेषण में सामने आया कि रूस के हमले से 175 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड पैदा हुआ। इसमें सैन्य हमले, उड़ानें, पलायन के अलावा भावी पुनर्निर्माण से जुड़ी कार्बन लागत भी है। कार्बन की यह मात्रा एक वर्ष में 9 करोड़ कार चलाने के बराबर है। यह नीदरलैंड, वेनेजुएला और कुवैत आदि देशों में उत्सर्जित कार्बन के बराबर है।