scriptयूक्रेन में 27 महीने से जारी युद्ध की तबाही को रोकने के लिए जुटे 90 से ज्यादा देश | More than 90 countries have come together to stop the devastation of the 27-month-long war in Ukraine | Patrika News
समाचार

यूक्रेन में 27 महीने से जारी युद्ध की तबाही को रोकने के लिए जुटे 90 से ज्यादा देश

यूक्रेन की पहल पर हो रहे इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य यूक्रेन के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाना है।

जयपुरJun 16, 2024 / 12:17 am

pushpesh

बर्न. पिछले 27 महीने से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध की समाप्ति के लिए शनिवार को स्विट््जरलैंड में दुनिया के 90 से अधिक देशों के प्रतिनिधि पहुंचे। इनमें अमरीकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्ज, फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों सहित इटली, ब्रिटेन, भारत, कनाडा और जापान के नेता शामिल हैं।
सम्मेलन में रूस भी आमंत्रित था, लेकिन उसने वक्त की बर्बादी कहकर आने से इनकार कर दिया। चीन ने भी ऐन वक्त पर आने से मना कर दिया। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने आरोप लगाया है कि सम्मेलन को कमजोर करने के लिए चीन, रूस की मदद कर रहा है। यूक्रेन की पहल पर हो रहे इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य यूक्रेन के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाना है। इनमें उन देशों को भी आमंत्रित किया गया है, जिनके रूस से अच्छे संबंध हैं। इनमें भारत, तुर्की और दक्षिण अफ्रीका प्रमुख हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो फरवरी 2022 से जारी युद्ध में अब तक 11 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और 20 हजार के करीब घायल हुए हैं। हालांकि वास्तविक हताहतों की संख्या इससे काफी ज्यादा बताई जा रही है।
रूस ने कहा, यूक्रेन शर्तें मान ले तो युद्ध रुक जाएगा
सम्मेलन शुरू होने से एक दिन पहले शुक्रवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन युद्ध समाप्त करने की शर्तें दोहराई। पहली शर्त यूक्रेन नाटो में शामिल न होने की सहमति दे। दूसरी शर्त यूक्रेन उन चार प्रांतों को रूस को सौंप दे, जिन पर उसका दावा है। ये प्रांत हैं दोनेत्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और जापोरजिया। इतना ही नहीं पुतिन ने यूक्रेन को क्रीमिया पर भी दावा छोडऩे को कहा है, जिस पर 2014 में रूस ने कब्जा किया था। पुतिन ने कहा, इन चारों प्रांतों से यूक्रेन अपनी सेनाओं को बुला ले और नाटो में शामिल होने का इरादा छोड़ दे तो उसी पल संघर्ष विराम के लिए वार्ता शुरू हो जाएगी।
क्या चाहता है यूक्रेन
यूक्रेन पीस समिट के लिए जेलेंस्की ने 10 पॉइंट का प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें यूके्रेन से रूसी सेना की वापसी और क्रीमिया समेत उन क्षेत्रों को भी आजाद करने की मांग रखी गई है, जिसपर उसने कब्जा कर रखा है। रूस, यूक्रेन के 9 फीसदी हिस्से पर अपना कब्जा मानता है।
दो वर्ष में 175 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन
एक शोध में सामने आया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के दो वर्षों की जलवायु लागत 175 देशों की ओर से वार्षिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन से भी ज्यादा थी। युद्ध आधारित जलवायु प्रभावों को लेकर अब तक के सबसे बड़े विश्लेषण में सामने आया कि रूस के हमले से 175 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड पैदा हुआ। इसमें सैन्य हमले, उड़ानें, पलायन के अलावा भावी पुनर्निर्माण से जुड़ी कार्बन लागत भी है। कार्बन की यह मात्रा एक वर्ष में 9 करोड़ कार चलाने के बराबर है। यह नीदरलैंड, वेनेजुएला और कुवैत आदि देशों में उत्सर्जित कार्बन के बराबर है।

Hindi News / News Bulletin / यूक्रेन में 27 महीने से जारी युद्ध की तबाही को रोकने के लिए जुटे 90 से ज्यादा देश

ट्रेंडिंग वीडियो