
patrika jayka news
छिंदवाड़ा. बारिश की फुहारों के बीच गरमा.गरम और कुरकुरे मंगोड़े का स्वाद लेना छिंदवाड़ावासियों के लिए एक अलग ही सुखद अनुभव है। शहर में मानसून का मजा अधूरा माना जाता हैए अगर बनवारी के मंगोड़े न खाए हों। खासकर नागपुर रोड पर एक हाथ ठेले से निकलने वाले इन स्वादिष्ट मंगोड़ों की खुशबू और स्वाद लोगों को खींच ही लाता है।
यहां बारिश के मौसम में ही नहींए बल्कि सालभर इन मंगोड़ों की मांग बनी रहती है। लोगों की भीड़ए बारी का इंतजार और साथ में हरी चटनी और मही छांछद का स्वादए हर किसी को बार-बार आने पर मजबूर कर देता है। बड़ी बड़ी होटलों एवं रेस्टारेंट में भी यह स्वाद नहीं मिलता है।
दुकान चलाने वाले विशाल बताते हैं कि स्वाद का राज अच्छी तैयारी में छिपा है। रात में मूंगए बरबटी और मटर की दाल को भिगोया जाता है। सुबह पीसने के बाद घर पर ही मसाले तैयार किए जाते हैं। यह पूरा कार्य परिवार के सहयोग से होता है। दोपहर एक बजे से नागपुर रोड स्थित ठेले पर मंगोड़े बनाना शुरू किया जाता है।
दुकान चलाने वाले विशाल बताते हैं कि स्वाद का राज अच्छी तैयारी में छिपा है। रात में मूंग, बरबटी और मटर की दाल को भिगोया जाता है। सुबह पीसने के बाद घर पर ही मसाले तैयार किए जाते हैं। यह पूरा कार्य परिवार के सहयोग से होता है। दोपहर एक बजे से नागपुर रोड स्थित ठेले पर मंगोड़े बनाना शुरू किया जाता है।
विशाल 26 वर्ष और पंकज 22 वर्ष दोनों भाई स्नातक हैं। लेकिन उन्होंने अपने पिता विष्णु बनवारी द्वारा शुरू किए गए मंगोड़े के व्यवसाय को ही आगे बढ़ाने का निश्चय किया। पिता 2007 से यह दुकान चला रहे थे। उनके निधन के बाद दोनों भाइयों ने पूरे समर्पण और मेहनत से इस धंधे को संभाला। विशाल बताते हैं पिता की मेहनत और स्वाद के लिए लोगों में जो विश्वास थाए उसी को हमने आगे बढ़ाया है।
पिता के निधन के बाद घर की जिम्मेदारियां बढ़ीं, लेकिन दोनों भाइयों ने कभी हार नहीं मानी। पंकज कहते हैं, ष्कोई काम छोटा नहीं होता। मेहनत और लगन से हर काम में सफलता मिलती है। आज दोनों भाई अपने पुश्तैनी धंधे को गर्व से आगे बढ़ा रहे हैं और छिंदवाड़ा में बनवारी के मंगोड़े एक पहचान बन चुके हैं।
Updated on:
25 Jul 2025 12:50 am
Published on:
23 Jul 2025 05:33 pm
बड़ी खबरें
View Allसमाचार
ट्रेंडिंग
