
जयपुर. राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में प्रदेश के निजी डायग्नोस्टिक व पैथोलॉजी सेंटर्स को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) से जोड़ने के विषय पर शुक्रवार को आमुखीकरण कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में 400 से अधिक पैथोलॉजिस्ट, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, जांच लैब संचालकों और इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैथोलॉजिस्ट एंड माइक्रोबायोलॉजिस्ट के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
कार्यशाला का शुभारम्भ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त मिशन निदेशक डॉ. अरुण गर्ग ने किया। उन्होंने बताया कि एबीडीएम के तहत देश के हर नागरिक का आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा आइडी) बनाई जा रही है। प्रदेश में अब तक 43 प्रतिशत नागरिकों ने अपनी आभा आइडी बना ली है। इस आइडी के माध्यम से यूजर स्वास्थ्य संबंधी समस्त रिकॉर्ड सुरक्षित रूप से स्टोर कर सकते हैं और आवश्यकता पड़ने पर चिकित्सक के साथ साझा भी कर सकेंगे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के निदेशक विक्रम पगारिया ने बताया कि आभा आइडी बनाने से मरीज बार-बार एक ही जांच करवाने की असुविधा से बचेंगे और सुदृढ़ मेडिकल हिस्ट्री से गुणवत्तापूर्ण इलाज भी प्राप्त कर सकेंगे। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत सभी निजी और सरकारी जांच केन्द्रों को एबीडीएमकम्प्लायंट लैब मैनेजमेंट इंफार्मेशन सिस्टम से जोड़ा जाएगा। इससे मरीज कहीं भी इलाज कराएं, लेकिन उसकी मेडिकल हिस्ट्री उसके आभा अकाउंट पर मिल जाएगी।
Published on:
29 Jun 2024 12:58 pm
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