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एमपी कांग्रेस के बड़े नेता ने दिया इस्तीफा, पार्टी में मची खलबली

MP Congress- वरिष्ठ कांग्रेसी ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया है। कई जिलाध्यक्षों का खुलकर विरोध किया जा रहा है जिससे पार्टी में खलबली मच गई है।

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रीवा

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deepak deewan

Aug 17, 2025

Senior Congress leader Ashfaq Ahmed resigned in Rewa (फोटो सोर्स :@jitupatwari)

MP Congress- कांग्रेस ने शनिवार को एमपी के लिए 71 जिलाध्यक्षों की सूची जारी कर दी। सूची में 10 एससी-8 एसटी और 11 ओबीसी को अहम दायित्व दिया गया है। प्रदेश में 3 अल्पसंख्यकों और 4 महिलाओं को भी जिलाध्यक्षों का जिम्मा दिया है। करीब 50 प्रतिशत आरक्षित वर्ग को जिलाध्यक्ष की सूची में जगह दी है। इसके बाद भी सूची पर जमकर बवाल मच रहा है। कई जिलाध्यक्षों का खुलकर विरोध किया जा रहा है। रीवा जिले के एक वरिष्ठ कांग्रेसी ने मुस्लिमों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए पार्टी से त्यागपत्र दे दिया है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी पर निशाना साधा जा रहा है जिससे पार्टी में खलबली मच गई है।

मध्यप्रदेश में सन 2028 में होनेवाले विधानसभा चुनावों में जीत हासिल कर कांग्रेस हर हाल में प्रदेश की सत्ता पर काबिज होना चाहती है। इसके लिए कांग्रेस ने चुनाव में पूरे दमखम से उतरने का इरादा जताया है। विधानसभा चुनाव के 3 साल पहले पार्टी ने जिलाध्यक्षों की घोषणा कर उन्हें अहम जिम्मेदारी दी है।

एमपी कांग्रेस के 6 मौजूदा और 11 पूर्व विधायकों को जिलाध्यक्ष बनाया गया है। 21 पुराने चेहरों पर फिर से दांव लगाया है। प्रदेश में तीन पूर्व मंत्रियों ओमकार सिंह मरकाम, प्रियव्रत सिंह और जयवर्धन सिंह को भी जिला अध्यक्ष बनाया है।

आब्जवर्स को महत्व मिला

कांग्रेस जिलाध्यक्षों की सूची में करीब 15 नाम ऐसे बताए जा रहे हैं जिन्हें केवल आब्जवर्स की रिपोर्ट के आधार पर ही यह अहम जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी के बड़े नेताओं की केवल उनके जिलों में ही चली है।

वरिष्ठ नेता अशफाक अहमद ने त्यागपत्र दिया

कांग्रेस के जिला अध्यक्षों की सूची जारी होने के बाद प्रदेशभर में कार्यकर्ताओं में असंतोष भी उभरने लगा है। जिलाध्यक्षों की सूची के बहाने पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी पर निशाना साधा जा रहा है।

रीवा में पार्टी के वरिष्ठ नेता अशफाक अहमद ने त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने अल्पसंख्यकों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दिया है। अशफाक अहमद पार्टी के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सहित अनेक अहम दायित्व निभा चुके हैं। वे इलाके के सक्रिय नेताओं में शुमार हैं। कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और
विधि एवं मानव ​अधिकारी विभाग के पूर्व प्रदेश सचिव भी रह चुके हैं। अशफाक अहमद कांग्रेस कमेटी के राजनैतिक विभाग के सदस्य भी रहे।

जिलाध्यक्षों की सूची जारी होने के बाद अन्य जगहों पर भी विरोध के सुर उठ रहे हैं। पार्टी नेता इससे बेचैन हैं पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया व्यक्त करने की बजाए हालात पर नजर रख रहे हैं। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय के बेटे, पूर्व मंत्री व विधायक जयवर्धन सिंह को गुना जिला अध्यक्ष बनाने का भी विरोध हो रहा है। इसके विरोध में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी का पुतला भी फूंका गया।

पन्ना सतना सिटी में अल्पसंख्यक जिलाध्यक्ष

खास बात यह है कि रीवा से सटे इलाकों में ही कांग्रेस ने मुस्लिम वर्ग के नेताओं को जिलाध्यक्षों का जिम्मा दिया है।
बता दें कि पन्ना में अनीश खान को जिला अध्यक्ष बनाया गया है। वे यहां से मुस्लिम वर्ग के पहले अध्यक्ष हैं। सतना सिटी में भी मुस्लिम वर्ग के आरिफ इकबाल सिद्दीक को जिलाध्यक्ष का जिम्मा दिया।