
shani ast samasya aur samadhan
Shani Ast 2023: ज्योतिषाचार्यों के अनुसार विभिन्न राशियों के जातक शनि देव के उपायों के जरिये अपने कर्मों का सकारात्मक फल पा सकते हैं, यानी शनि अस्त के अशुभ प्रभावों को कम कर सकते हैं।
मेष राशिः शनि कुंभ राशि में अस्त 2023 की घटना से मेष राशि के लोगों को अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ सकता है। शनि के इस अशुभ प्रभाव से बचने के लिए रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। इसके अलावा मेष राशि के जातक शनिवार के दिन हनुमानजी को बूंदी का प्रसाद चढ़ाएं।
वृष राशिः शनि कुंभ राशि में अस्त 2023 का घटना से वृष राशि के जातकों की निजी जीवन की समस्याएं पेशेवर जीवन में असर डाल सकती हैं। इस शनि अस्त अशुभ प्रभाव से बचने के लिए वृष राशि के जातकों को शनिवार के दिन गरीबों को भोजन कराना चाहिए।
मिथुनः शनि अस्त अवधि में मिथुन राशि के लोगों को पिता, गुरु और पिता समान बुजुर्गों की सेहत में लापरवाही चिंता का सबब बन सकती है। इस अशुभ प्रभाव से बचने के लिए मिथुन राशि वालों को शनिवार के दिन मंदिर के बाहर गरीबों को भोजन कराना चाहिए।
कर्कः शनि अस्त से कर्क राशि वालों का शादीशुदा जीवन प्रभावित हो सकता है। पार्टनरशिप पर भी असर पड़ सकता है। इस अशुभ प्रभाव से बचने के लिए सोमवार और शनिवार को भगवान शिव को काले तिल अर्पित करें।
सिंहः शनि कुंभ राशि में अस्त की घटना वैवाहिक जीवन को प्रभावित कर सकती है। इस अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए दफ्तर या घर में काम करने वाले सहयोगियों की मदद करें। संभव है तो उन पर से काम का बोझ कम करें।
कन्याः शनि अस्त प्रभाव से कन्या राशि के व्यक्ति अगर प्रतियोगी परीक्षा में भाग लेने जा रहे हैं तो उनकी पढ़ाई प्रभावित होने की आशंका है। इस अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए व्यवस्थित रहें, क्योंकि शनि देव (Shani Dev) को अव्यवस्था पसंद नहीं है।
तुलाः शनि अस्त घटना का तुला राशि के शिक्षा, प्रेम संबंध, संतान आदि पर प्रभाव पड़ेगा। इससे बचने के लिए दृष्टिहीन लोगों की मदद करें। नेत्रहीन विद्यालयों में सेवा कार्य कर सकते हैं।
वृश्चिकः शनि अस्त घटना का वृश्चिक राशि के लोगों की माता, घरेलू जीवन, संपत्ति आदि पर प्रभाव पड़ेगा। इसके अशुभ प्रभाव से बचने के लिए रोज हनुमानजी की पूजा करें। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं, उनकी कृपा प्राप्त होती है।
धनुः शनि देव धनु राशि के तीसरे भाव में अस्त हुए हैं, यह भाई बहन, रूचि, छोटी यात्रा और बातचीत का भाव है। इससे धनु राशि वालों के लिए यहां परेशानी आ सकती है। इस अशुभ प्रभाव से बचने के लिए श्रमदान करें, हो सके तो शारीरिक रूप से लोगों की मदद करें।
मकरः शनि मकर राशि के दूसरे भाव में अस्त हुए हैं, जो परिवार बचत वाणी का भाव है। इस समय कठोर वाणी परेशान कर सकती है। इसके अशुभ प्रभाव से बचने के लिए ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए।
कुंभः शनि कुंभ राशि के लग्न भाव में अस्त हुए हैं। इसका असर कुंभ राशि वालों की सेहत पर पड़ सकता है। लग्न भाव में सूर्य के प्रवेश और लग्न भाव के स्वामी के अस्त होने से इस राशि के जातक में घमंड आ सकता है। इससे बचने के लिए शनिवार को शनि देव के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
मीनः शनि मीन राशि के 12वें भाव में अस्त हुए हैं। इससे लंबित कानूनी मामलों में व्यस्तता बढ़ेगी, खर्च बढ़ सकता है। इन सब अशुभ प्रभावों से बचने के लिए मीन राशि वालों को छाया दान करना चाहिए। इसके लिए आप एक कटोरी में सरसों का तेल लेकर उसमें अपना प्रतिबिंब देखें, और फिर इसको शनि मंदिर में दान करें।
Updated on:
31 Jan 2023 01:07 pm
Published on:
31 Jan 2023 01:04 pm
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