
न्याय के देवता शनि देव ने 17 जनवरी को मकर राशि से निकलकर अपनी राशि कुंभ में प्रवेश कर लिया है। यह इस नए साल का सबसे बड़ा ग्रह गोचर है। यहां आपको बताते चलें कि शनि देव मकर और कुंभ दोनों ही राशियों के स्वामी माने जाते हैं। शनि इस राशि में पूरे 30 साल बाद लौटे हैं। इस गोचर के बाद शनि पूरे ढाई साल तक कुंभ राशि में रहेंगे। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य अमर अभिमन्यु डब्बावाला के मुताबिक शनि इस गोचर के दौरान तुला राशि के पांचवें भाव में विराजमान रहेंगे। यही कारण है कि शनि का यह गोचर इस राशि के लिए बेहद शुभ फलदायी साबित होगा।
नौकरी या व्यापार के लिए अब शुरू होंगे अच्छे दिन
शनि गोचर के बाद इस राशि के लोगों के जीवन में अचानक से कई बदलाव आएंगे। शनि ने ढाई साल पहले जब मकर राशि में गोचर किया था तब इस राशि पर शनि की ढैय्या शुरू हो गई थी और इसी वजह से इन लोगों को मेहनत के अनुसार फल ही नहीं मिल पा रहे थे। लेकिन अब कुंभ राशि में गोचर के बाद इन्हें मेहनत के मुताबिक अच्छे परिणाम मिलेंगे। हालांकि थोड़ा सा धैर्य अब भी रखना होगा, लेकिन सफलता आपके कदम चूमेगी। मई 2023 के बाद आपकी हर इच्छा हर ख्वाहिश पूरी होगी। अगर आप लंबे समय से नई नौकरी की तलाश में हैं, तो आपकी तलाश खत्म होने का समय आ गया है।
संतान पक्ष के लिए भी समय अनुकूल
पांचवां भाव संतान का माना जाता है। इसलिए शनि का यह गोचर आपकी संतान के लिहाज से भी महत्वपूर्ण साबित होगा। जिन लोगों के बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे हैं, उनके लिए समय बहुत अनुकूल रहने वाला है। संतान पक्ष से आपको खुशखबरी मिल सकती है। संतान की कामयाबी से आपका मन खुश रहेगा।
रिश्तों में आएगी मजबूती
शनि का यह गोचर तुला राशि के लोगों के रिश्तों को मजबूती देने वाला होगा। आप अपने रिश्तों को बेहतर तरीके से निभाने में कामयाब होंगे। रिश्तों में आ रही परेशानियां दूर हो जाएंगी। पूरी ईमानदारी के साथ आप अपने रिश्तों को निभाएंगे।
अविवाहितों को मिलेंगी खुशियां
इस राशि के जो लोग अविवाहित हैं, यह समय उनकी मनोकामना पूरी करेगा। जल्द ही ये लोग विवाह बंधन में बंधेंगे। अगले ढाई वर्ष तक इस राशि में विवाह के प्रबल योग बन रहे हैं।
मिलेगी सेहत और तंदुरुस्ती भी
तुला राशि के लोगों की स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं खत्म हो जाएंगी। जिन लोगों को बीते ढाई वर्ष में चोट लगी और उनके जख्म पूरी तरह ठीक नहीं हो पा रहे थे, उन्हें राहत मिलने वाली है। जोड़-हड्डी से जुड़ी समस्याएं भी दूर होंगी।
सबकुछ ठीक फिर भी करें ये उपाय
अब इस राशि के लोगों को ढैय्या से मुक्ति मिल चुकी है, तब भी कुछ नियमित उपाय करने ही चाहिएं। आपकेा हर शनिवार को शनि की उपासना करनी चाहिए। शनि के बीज मंत्र 'ऊं प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नम:' का जाप करें। लोहे से बनी कोई वस्तु शनि देव को अर्पित करें, ऐसा करने से आपको बड़ा लाभ मिलेगा।
इन राशियों पर दिखेगा यह असर
मेष
शनि के इस गोचर से मेष राशि वालों को मानसिक तनाव रहेगा। इस राशि में चापुल योग होने से कई कार्यों में उलझने आएंगी। स्वास्थ्य गड़बड़ी, पारिवारिक तालमेल के योग बन रहे हैं। हालांकि इस गोचर के बाद शनि लाभ स्थान में आकर धन प्राप्ति के मार्ग खोल देगा। शनि एकादश स्थान में रहकर लाभ देने वाला साबित होगा।
वृषभ
साल के शुरुआत में शनि नवम स्थान पर स्वग्रही हैं लेकिन मंगलवार 17 जनवरी से शनि देव का दशम स्थान में आना आपके लिए नए कार्य की रूप-रेखा बनाने, इस ओर उद्यत करने में सहायक रहने वाला है। व्यापार के बारे में गंभीरता से सोच-समझकर निर्णय लें, तभी कार्य विस्तार संभव हो पाएगा। शनिवार 17 जून से शनिवार 4 नवंबर के बीच शनि के वक्रत्व काल में भी आपको कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। पारिवारिक समस्याएं भी आ सकती हैं। सरकारी कर्मियों, अर्धसैनिक बल, पुलिस, सुरक्षाकर्मियों को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। अपने करीबियों से ही वाद-विवाद हो सकते हैं।
मिथुन
शनि के कुंभ राशि में गोचर से मिथुन राशि के लोगों को अष्टम ढैय्या से राहत मिल जाएगी। इस दौरान भी आपको कार्यों में बाधा और समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इतना ही नहीं इस दौरान आप मानसिक रूप से भी प्रभावित रहेंगे। नियमित आय प्राप्त होती रहेगी लेकिन, खर्चों पर नियंत्रण रखने की जरूरत है। इस दौरान अगर आप भूमि भवन आदि में निवेश करने का मन बना रहे हैं तो थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है।
कर्क
शनि के इस गोचर से आप पर शनि की ढैय्या का प्रभाव शुरू हो गया है। यह ढैय्या अवरोध, अशांति कारक रहेगी। अष्टम भाव में शनि के रहने से स्वजनों, मित्रों, पारिवारिक सदस्यों के बीच कलह हो सकती है। अशुभ चिंतक कामकाज में गतिरोध पैदा कर परेशान कर सकते हैं। मानसिक अशांति रहेगी। पड़ोसियों से विवाद तथा भूमि-भवन विवाद के कारण मानसिक उद्वैग बढ़ सकता है। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न बरतें। किसी से भी वैमनस्य न रखें। वाणी पर नियंत्रण रखें।
सिंह
इस राशि में शनि छठे भाव में रहेंगे। ऐसे में इन लोगों की सामाजिक-धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। आर्थिक मामलों में सफलता और लाभ के योग हैं। पति-पत्नी के रिश्ते में सुख शांति बनी रहेगी। महत्वपूर्ण कार्यों में संघर्ष परेशानी की आशंका रहेगी। आकस्मिक अनावश्यक खर्च से बचें। बचत पर अधिक ध्यान दें। किसी के बहकावे में न आएं। यह भी संभव है कि किसी काम में अथक परिश्रम के बावजूद आपको सफलता नहीं मिलेगी। लेकिन आपको निराश नहीं होना चाहिए। पुराने कष्ट, रोग आदि से मुक्ति मिल सकती है। सरकारी कार्य करते है तो पदोन्नति के योग हैं।
कन्या
शनि का यह गोचन आपकी राशि के छठे स्थान पर है। इस साल महिलाएं संयम, धैर्य से काम लें। गुस्सा करने से बचें। कार्यों में बाधा आ सकती है। आर्थिक क्षेत्र मे किए गए प्रयास सफल होंगे। मकान, वाहन, खरीद-बिक्री के योग भी बन रहे हैं। 17 जून से शनिवार 4 नवंबर के बीच शनि के वक्री काल में रहने से आपको परेशानियां आएंगी और मन अशांत भी रहेगा। नाते-रिश्तेदारों से अनबन रहेगी। अनहोनी होने की आशंका भी है। राजकीय कार्य में सावधानी बरतें।
धनु
शनि इस राशि के तीसरे भाव में गोचर कर रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस राशि पर शनि की साढ़े साती पिछले साढ़े सात साल से चल रही है। लेकिन इस बार धनु राशि वालों को तनाव, मानसिक परेशानियों से मुक्तिमिल जाएगी। शनि के इस गोचर से धनु वालों का आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। नौकरी में पदोन्नति की संभावना है। शनि देव की कृपा से लंबे समय से रुके काम भी पूरे हो जाएंगे। लेकिन इस समय परिवार वालों की सेहत का खास ख्याल रखना जरूरी है।
वृश्चिक
वृश्चिक राशि वालों को शनि के इस गोचर के दौरान सावधान रहना होगा। क्योंकि मंगलवार 17 जनवरी के बाद इस राशि में चौथे स्थान पर शनि की ढैय्या शुरू हो रही है। यह पूरा साल आपके लिए चुनौतियों वाला साबित होगा। संघर्ष के दिन शुरू हो गए हैं। बनते कार्य बिगड़ेंगे। वैवाहिक जीवन में भी उतार-चढ़ाव रहेगा। कलह, विवाद, टकराव, कहासुनी से बचें। संतान के प्रति चिंता होगी। गलतफहमी में न पड़ें। व्यापार में प्रतिस्पर्धा, सरकारी नौकरी कर रहे हैं तो भी थोड़ा मुश्किल समय रहेगा। किसी पर ज्यादा विश्वास में धोखा मिल सकता है। वाहन से दुर्घटना की आशंका। सतर्क रहें।
मकर
इस राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव अंतिम चरण में है। यह प्रभाव उग्र रहने वाला है। इस वर्ष का पूर्वार्ध कठिन है। इस राशि के अधिपति शनि हैं। विरोधाभासी स्थितियां होंगी। जो परेशानियां बढ़ाएंगी। वाहन आदि से चोट का योग है। बिना किसी वजह के ही वाद-विवाद हो सकते हैं। जमीन-जायदाद विक्रय से बचें, नुकसान होने की आशंका है। परिवार में अलगाव, तू-तू मैं-मैं तनाव बढ़ा सकती है। तो कुछ उपलब्धि भी मिल सकती है। शनि के वक्री काल का समय संकटपूर्ण है। इसलिए विवादों से बचें। कोई आरोप लग सकता है। नौकरीपेशा लोग अधिक सावधान रहें।
कुंभ
कुंभ राशि वाले शनि के इस गोचर के दौरान न केवल सतर्क रहें बल्कि हर काम में सावधानी भी बरतें। इस पूरे वर्ष शनि इस राशि में ही गोचर करेंगे। हालांकि इस समय मार्केटिंग से जुड़े लोगों को नेटवर्क बढ़ाने का अवसर मिलेगा। आर्थिक क्षेत्र में किए गए प्रयासों में सफलता के योग बन रहे हैं। हो सकता है कि अचानक धन लाभ भी हो। पति-पत्नि के बीच तालमेल में वृद्धि होने के योग भी है। लेकिन स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें। जोड़ों में, पेट में होता दर्द कष्ट दे सकता है। प्रॉपर्टी डीलर हैं, तो कुछ कठिनाइयां रहेंगी। कर्ज के लेन-देन के प्रति सावधान रहें। अगर रत्नाभूषण व्यवसायी हैं, तो काम में सुधार की स्थिति होगी।
मीन
इस राशि के लोगों पर शनि की साढ़ेसाती रहेगी। ऐसे में कुछ न कुछ बाधाएं, कष्ट आदि परेशानियां आ सकती हैं। आपके व्यावहारिक निर्णय दुविधापूर्ण रहेंगे। घर-परिवार में विरोध बढ़ सकता है। शारीरिक अस्वस्थता, मानसिक व्यग्रता का अनुभव अच्छा नहीं रहेगा। कार्यक्षेत्र में उतार चढ़ाव संभव है। रक्त से संबंधित बीमारी से कष्ट हो सकता है। चोरी, ठगी, लूट, अपराध की संदेहास्पद स्थिति से बचें। कारोबार में गिरावट आएगी। जिससे दिमागी संतुलन पर प्रतिकूल असर दिखेगा।
Published on:
18 Jan 2023 10:57 am
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