
Shani Pradosh Vrat
नई दिल्ली। हर महीने में जिस तरह दो एकादशी होती है, ठीक उसी तरह से दो प्रदोष भी होते है। त्रयोदशी (तेरस) को प्रदोष कहते हैं। भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत किया जाता है। मई का पहला प्रदोष व्रत शनिवार 08 मई, 2021 को पड़ रहा है। शनिवार के दिन प्रदोष व्रत होने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस दिन चंद्रमा, मीन राशि में संचार करता है। वहीं सूर्य, मेष राशि में प्रवेश करता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन प्रदोष काल में भगवान भोलेनाथ की विधि विधान से पूजा की जाती है। शनि प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को संतान की प्राप्ति होती है।
शनि प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त
त्रयोदशी तिथि आरंभ होने का समय- 08 मई 2021 शाम 05 बजकर 20 मिनट।
त्रयोदशी तिथि समाप्त- 09 मई 2021 शाम 07 बजकर 30 मिनट।
पूजा का समय- 08 मई शाम 07 बजकर से रात 09 बजकर 07 मिनट।
ब्रह्म मुहूर्त- 04:00 एएम, मई 08 से 04:43 एएम, मई 08 तक।
अभिजित मुहूर्त- 11:39 एएम से 12:32 पीएम तक।
विजय मुहूर्त- 02:18 पीएम से 03:11 पीएम तक।
गोधूलि मुहूर्त- 06:31 पीएम से 06:55 पीएम तक।
निशिता मुहूर्त- 11:44 पीएम से 12:26 एएम, मई 08 तक।
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शनि प्रदोष पूजा विधि
प्रदोष व्रत के दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि से निवृत होकर सबसे पहले भगवान शिवजी की पूजा के लिए किसी शिव मंदिर में जाए। वहां सबसे पहले भोलेनाथ के साथ माता पार्वती और नंदी को प्रणाम करें। इसके बाद पंचामृत व गंगाजल से शिव जी को स्नान कराकर साफ जल से स्नान कराए। बेल पत्र, गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची आदि से भगवान का पूजन करें। ध्यान रहे हर बार एक चीज चढ़ाते हुए ‘ऊं नमः शिवाय’ का जाप करें। इस दिन भगवान शिव को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं और शिवजी के आगे घी का दीपक जलाएं। उनको धूप, गंध, कपूर आदि से आरती करें। पूजा के समय शिव चालीसा का पाठ कर सकते हैं। फिर अगले दिन स्नान के बाद शिव पूजा करें, ब्राह्मणों को दान दें।
प्रीति योग का महत्व
8 मई शनिवार को प्रदेश व्रत प्रति योग में रखा जाएगा। इसको शुभ योगों में गिना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस समय मांगलिक कार्यकरना अत्यंत शुभ होता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, प्रीति योग में मेल-मिलाप बढ़ाने, अपने रूठे दोस्तों और संबंधियों को मनाने और प्रेम विवाह कराने में सफलता मिलती है। यह पुराने झगड़े नपटाकर समझौते करना में मदद करता है। इस योग में किए गए कार्य से मान सम्मान की प्राप्ति होती है। इस व्रत के प्रभाव से शनि दोष से भी छुटकारा मिलता है।
Published on:
08 May 2021 08:50 am
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