
shani dev shingnapur
शनि का महत्वः शनि देव (Shani Dev) कर्म भाव के स्वामी हैं और कर्म के अनुसार फल देने वाले हैं। इन्हें कलियुग का न्यायाधीश भी कहा जाता है। इनके शुभ प्रभाव से नौकरी और व्यवसाय में तरक्की मिलती है। वहीं कुंडली में शनि के कमजोर होने से नौकरी और व्यवसाय में बाधा आती रहती (Shani Dosh Nivaran) है। नौकरी छूटना, प्रमोशन न मिलना, कर्ज आदि की समस्या रहती है। इन समस्याओं से जूझ रहे व्यक्ति को शनि ग्रह की शांति के उपाय (Shani Upay ) करने चाहिए।
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि शनि देव (Shani Dev) हमेशा अशुभ फल नहीं देते, हालांकि इनकी चाल धीमी होने से परिणाम में देरी होती है। शनि मकर और कुंभ राशियों के स्वामी हैं, इसलिए इन राशियों के जातकों को शनि दोष निवारण के उपाय अवश्य करने चाहिए। यदि आपकी कुंडली में शनि उच्च का है, तब शनि मंत्र जाप करना चाहिए। इससे शुभ फल में वृद्धि होती है।
शनि ग्रह शांति के उपाय(Shani Dev Upay): ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शनि ग्रह की शांति के लिए वेशभूषा से लेकर व्रत उपवास, दान पुण्य तक के तरीके अपनाए जा सकते हैं। आइये जानते हैं इन्हीं में से कुछ, जिनसे शनि मित्र बन सकते (Shani Grah Shanti Upay) हैं।
वेशभूषा से जुड़े उपाय
1. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शनि ग्रह की शांति के लिए काले रंग के कपड़ों का इस्तेमाल करना चाहिए।
2. बुजुर्गों के सम्मान करें, नौकरों कर्मचारियों का आदर करें।
3. रात को दूध न पीएं
4. शनिवार को रबर, लोहा आदि न खरीदें।
सुबह किए जाने वाले उपाय
1. शनि देव की पूजा करें
2. श्रीराधा-कृष्ण की आराधना करें
3. हनुमानजी और कूर्मदेव की पूजा करें।
शनिदेव के लिए व्रत और दान
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार दंडाधिकारी शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार को व्रत रखने का विधान है। शनिदेव की विशेष पूजा, शनि प्रदोष व्रत, शनि मंदिर में जाकर दीप जलाना आदि कार्य करना चाहिए। शनिवार के दिन शनि ग्रह से जुड़ी वस्तुओं का दान करना अच्छा माना जाता है। शनि के नक्षत्रों पुष्य अनुराधा, उत्तरा भाद्रपद आदि के समय सुबह या शाम साबुत उड़द, लोहा, तेल, तिल के बीज, पुखराज रत्न, काले कपड़े शनि ग्रह की शांति के लिए दान करना चाहिए।
शनि यंत्र और शनि मंत्र
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शनि ग्रह की शांति, कार्य सिद्धि और समृद्धि के लिए शुभ शनि यंत्र की पूजा करनी चाहिए। शनि यंत्र को शनिवार के दिन शनि की होरा एवं शनि के नक्षत्रों के समय धारण करें।
इसके अलावा शनि दोष निवारण के लिए शनि बीज मंत्र ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः का जाप 23000 बार करना चाहिए। कुछ ग्रंथों में 92 हजार बार इसका जाप करने की बात कही जाती है। इसके अलावा कुछ लोग ऊँ शं शनैश्यरायै मंत्र का जाप करने की भी सलाह देते हैं।
Published on:
21 Jan 2023 11:42 am
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