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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, आज के दिन धरती पर विचरण करेंगी धन की देवी मां लक्ष्मी, भूलकर भी ना करें ये गलतियां

शरद पूर्णिमा या आश्विन पूर्णिमा 30 अक्टूबर दिन शुक्रवार को है

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Sharad Purnima or Ashwin Purnima

Sharad Purnima or Ashwin Purnima

नई दिल्ली। आज शरद पूर्णिमा पूरे देश मं धूमधाम से मनाई जा रही है। क्योकि आज के दिन की पूजा करने से मां लक्ष्मी का फल सीधा हमे प्राप्त होता है मान्यता है कि शरद पूर्णिमा का व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन चंद्रमा धरती पर अमृत की वर्षा करता है।

कथाओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन मां भगवती धरती पर विचरण करती है। इतना ही नही उनके साथ भगवान श्रीकृष्ण भी साथ होते है। आज के दिन जो भक्त सच्चे मन से पूरे विधि विधान के अनुसार शरद पूर्णिमा कीपूजा करता है। मां का आर्शीदवाद उन्हें सीधे ही प्राप्त होता है। उसे कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन समुद्र मंथन के दौरान मां लक्ष्मी की उत्पत्ति हुई थी। इसलिए धन प्राप्ति के लिए भी ये तिथि सबसे उत्तम मानी जाती है।

शरद पूर्णिमा की रात को महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए खीर अर्पित की जाती है। और इसी खीर चांद की रोशनी के सामने रखने से वो अमृत बन जाती है जिसका सेवन करने से रोगी के रोग दूर हो जाते है। क्योंकि इस दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है, जिसके चलते उसकी रोशनी से खीर अमृत बन जाता है।

कहा जाता है कि आज के दिन चंद्रमा की रोशनी का अनुभव करने से आंखों की रोशनी भी बढ़ती है। शरीर के रोग दूर होते है। शरद पूर्णिमा के दिन चांद की रोशनी विशेष रूप चमत्कारी मानी गई है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन चंद्रमा की किरणों में रोगों को दूर करने की क्षमता होती है। चंद्रमा की रोशनी से इंसान के पित्त बनने संबंधी समस्या कम होती है। एक्जिमा, डिप्रेशन, हाई बीपी, सूजन और शरीर से दुर्गंध जैसी समस्या होने पर चांद की रोशनी का सकारात्मक असर होता है। सुबह की सूरज की किरणें और चांद की रोशनी शरीर पर सकरात्मक असर छोड़ती हैं। शरद पूर्णिमा को खीर को और अधिक गुणवान बनाने के लिए आप इसमें दालचीनी, काली मिर्च, घिसा हुआ नारियल, किशमिश, छुहारा आदि डाल सकती है। जिससे खीर का तासीर बदलती है और रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।

अश्विन पूर्णिमा व्रत मुहूर्त...

अक्टूबर 30, 2020 को 17:47:55 से पूर्णिमा आरम्भ

अक्टूबर 31, 2020 को 20:21:07 पर पूर्णिमा समाप्त