scriptहैरानी: बहाल कर दिए 24 नर्सिंग होम और 80 क्लीनिकों के लाइसेंस, टीम को कहीं नहीं मिली गड़बड़ी | Surprise: Licenses of 24 nursing homes and 80 clinics were restored, the team did not find any irregularities | Patrika News
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हैरानी: बहाल कर दिए 24 नर्सिंग होम और 80 क्लीनिकों के लाइसेंस, टीम को कहीं नहीं मिली गड़बड़ी

-कलेक्टर ने ४ महीने पहले १३० निजी स्वास्थ्य संस्थाओं के लाइसेंस किए थे निरस्त
-रिन्युअल के दौरान जांच करने गई टीम की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में

दमोहNov 07, 2024 / 11:34 am

आकाश तिवारी


-कलेक्टर ने ४ महीने पहले १३० निजी स्वास्थ्य संस्थाओं के लाइसेंस किए थे निरस्त
-रिन्युअल के दौरान जांच करने गई टीम की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में
दमोह. निजी अस्पतालों में इलाज के नाम पर मरीजों से अनाप-शनाप रुपए वसूले जाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कई निजी नर्सिंग होम तो ऐसे हैं, जो नियमानुसार संचालित भी नहीं हो रहे हैं। इधर, लाइसेंस रिन्युअल भी नहीं कराते हैं। हालांकि इस मामले में कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने संज्ञान लिया था। जिले में संचालित १३० के आसपास नर्सिंग होम व निजी क्लीनिकों के लाइसेंस निरस्त कर दिए थे।
पत्रिका ने इस मामले की पड़ताल की तो पाया कि २४ नर्सिंग होम और ८० निजी क्लीनिकों के लाइसेंस रिन्यु हो गए हैं। अब यहां खासबात यह है कि सीएमएचओ कार्यालय की टीम का दावा है कि उन्होंने एक-एक निजी अस्पताल व क्लीनिक का निरीक्षण भी किया था। ताज्जुब की बात यह है कि टीम ने जितनों के लाइसेंस बहाल किए हैं। वहां पर कोई भी गड़बड़ी नहीं पाई है, जो संभव नहीं है।
-प्वाइंट-१
शहर में आधा दर्जन नर्सिंग होम में एक्सरे की सुविधा है। बड़ी-बड़ी मशीने लगा रखी हैं, पर यहां पर रजिस्टर्ड रेडियोलॉजिस्ट नहीं है। बताया जाता है कि यहां पर मरीजों को एक्सरे की रिपोर्ट नहीं दी जाती है। सिर्फ फिल्म पकड़ाई जा रही है।
-प्वाइंट-२
कुछ नर्सिंग होम ऐसे हैं, जहां पर बेहोशी वाले डॉक्टर सर्जरी कर रहे हैं। रिर्पोट में ऑपरेशन साइन सर्जन के ही किए जा रहे हैं। सिविल वार्ड में एक नर्सिंग होम में इसी बात पर एक अटेंडर ने हंगामा किया था। उसने सोशल मीडिया पर भी पोस्ट की थी।
-प्वाइंट-३
कई नर्सिंग होम में पैथौलॉजी संचालित हो रही हैं। लेकिन यहां पर दूसरे के नाम की लैब का बोर्ड लगा हुआ है। मतलब कलेक्शन सेंटर के रूप से यह लैब संचालित हो रही हैं। किसी एक जगह के लिए मिला लाइसेंस शहर में दूसरी जगह भी चलाया जा रहा है।
यहां भी एक नजर
-नर्सिग होम्स में योग्य नर्सिग स्टाफ की नहीं तैनाती।
-बेड क्षमता के अनुसार स्टाफ नहीं।
-नर्सिग होम में मेडिकल स्टोर खोला, पर फार्मासिस्ट नहीं बैठ रहे। आयोग्य कर्मचारी बांट रहे दवा।
-सोनोग्राफी सेंटर संचालित है, पर सीएमएचओ से नहीं ली अनुमति।
वर्शन
हमने ऑन लाइन रिन्युअल के लिए आवेदन आए थे। मुझे अभी एक्जिट डाटा नहीं मालूम पर काफी संख्या में रिन्युअल हो चुके हैं। मौके पर टीमें गई थी, जांच भी की है। जहां तक एक्सरे की बात है तो संबंधितों को प्रक्रिया पूरी करने को कहा है।
डॉ. रीता चटर्जी, प्रभारी क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट

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