
सूर्यदेव के नाम पर लगाए चार तरह के दीपक, बढ़ जाएगी धन-दौलत और मिलेगी अपार सफलता
कई बार कई लोगों के साथ समस्या होती है की उन्हें मेहनत करने के बाद भी सफलता नहीं पाती, या मिलती भी है तो मेहनत के अनुसार नहीं मिलती। इसके पीछ कभी-कभी हमारा भाग्य भी जिम्मेदार होता है। जी हां, हमारे कर्मों का फल हमें हमारी मेहनत के साथ-साथ हमारा भाग्य भी देता है। लेकिन कई बार हमारी सफलता में रुकावटों का कारण दुर्भाग्य भी होता है। अगर बहुत कोशिश करने के बाद आप किसी काम में सफल नहीं हो पा रहे हैं तो इसका कारण आपका दुर्भाग्य हो सकता है। अगर आपकी किस्मत खराब है तो आसानी से मिले वाली सफलता के लिए आपको कठिन प्रयास करने पड़ रहे हों तो आपको बताते हैं ज्योतिष के अनुसार आपके साथ ऐसा क्यों हो रहा है।
ज्योतिष आचार्य के अनुसार व्यक्ति के जीवन में सफलता और प्रतिष्ठा का कारक ग्रह माना जाता है। सृष्टि पर सूर्य ग्रह का असर व्यापक रूप में देखने को मिलता है। सूर्य के प्रकाश के बिना जीवन संभव ही नहीं है। ज्योतिष शास्त्र में माना जाता है की यदि जातक की कुंडली में सूर्य के एक अच्छी स्थिति में होने पर जातक को यश, मान, कीर्ति और प्रतिष्ठा वगैरह प्राप्त होता है। मानन शरीर में पेट, आंख, हड्डियों, हृदय व चेहरे पर इसका आधिपत्य माना जाता है। कुंडली में खराब सूर्य के लक्षण तो सरदर्द, बुखार, हृदय से जुड़ी समस्या और आँखों की समस्या आदि हो सकती है।
वहीं जिस किसी जातक की कुंडली में सूर्यदेव की स्थिती खराब हो तो वयक्ति को हर काम में असफलता मिलती है और उक्त व्यक्ति के मान प्रतिष्ठा में भी कमी आती है। यदि आपको भी किसी भी कार्य को करने में बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है, तो आप कुछ सरल उपाय कर सकते हैं। सूर्य से संबंधित सरल उपाय करने से किसी का भी बुरा समय दूर हो सकता है। ऐसा ही एक उपाय है, सूर्यदेव के सामने 4 अलग-अलग तरह के तेल के दीपक जलाना और 1 मंत्र बोलना। इस उपाय से न सिर्फ आपका दुर्भाग्य दूर हो सकता है, बल्कि धन लाभ और सौभाग्य भी मिल सकता है।
4. शत्रुओं को पराजित करने के लिए सूर्यदेव को सरसों के तेल का दीपक लगाएं।
दीपक लगाने से पहले सुबह स्नान आदि करने के बाद सूर्यदेव की प्रतिमा या चित्र की पूजा करें। सूर्यदेव को लाल फूल और गुड़ का भोग अर्पित करें। मंत्र जाप के बाद सूर्यदेव की आरती कर पूजा पूरी करें। दीपक लगाते समय उक्त सूर्य मंत्र का जप करें...
पूष्णे भगाय मित्राय पर्जन्यायांशवे नम:।।
Published on:
22 Aug 2018 05:50 pm
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