हिण्डौनसिटी. राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में कला वर्ग के कम्प्यूटर एप्लीकेशन विषय के छात्रों को विद्या संबल से भी शिक्षण की सुविधा नहीं मिल सकी। महाविद्यालय प्रशासन को विद्या संबल योजना में भी विद्यार्थियों को कम्प्यूटर विषय के अध्यापन के लिए प्राध्यापक नहीं मिल सका है। ऐसे में तकनीकी व प्रायोगिक विषय के छात्र स्वयं के स्तर पर अध्ययन करने को मजबूर हैं। गौरतलब है कि महाविद्यालय में करीब 14 वर्ष से रिक्त चल रहे कम्प्यूटर ऐप्लीकेशन विषय के प्राध्यापक का पद रिक्त चल रहा है। इसके अध्यापन की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए शिक्षा सत्र के आरंभ में विद्या संबल योजना के तहत आवेदन मांगे थे। निर्धारित अवधि में एक जने ने ही शिक्षण कार्य के लिए आवेदन किया था। महाविद्यालय की चयन कमेटी की ओर से दस्तावेज जांच करने के दौरान आवेदक यूजीसी के मानकों के अनुरूप निर्धारित योग्यताधारी नहीं पाया गया। ऐसे में विद्यार्थियों को कम्प्यूटर विषय पढ़ाने के लिए वैकिल्पक तौर पर प्राध्यापक नहीं मिल सका।
बिना शिक्षक कैसे करें प्रैक्टिकल
राजकीय महाविद्यालय सूत्रों के अनुसार प्रति कालांश मानदेय पर विद्या संबल में शिक्षण व्यवस्था के लिए प्राध्यापक नियुक्त करने के लिए डॉक्टरेट की उपाधि के साथ नेट (नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट) परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
राजकीय महाविद्यालय में कम्प्यूटर विषय के प्रायोगिक कार्य को 20 कम्प्यूटरों की सुसज्जित लैब है। लेकिन प्राध्यापक के अभाव में 10 लाख रुपए की लागत से एक दशक पहले स्थापित लैब का विद्यार्थी समुचित उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। महाविद्यालय में बीए के तीनों वर्ष में कुल 37 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। जो निजी स्तर पर प्रायोगिक कार्य सीखते हैं।
इनका कहना है
विद्या संबल योजना में कम्प्यूटर एप्लीकेशन विषय के व्याख्याता के लिए आवेदन मांगे थे। निर्धारित योग्यताधारी नहीं आने से चयन नहीं हो सका। पात्रता पूरी करने वाला आवेदक मिलने पर आयुक्तालय की अनुमति से शिक्षण व्यवस्था की जाएगी।
प्रो. डॉ.पप्पूराम कोली, प्राचार्य राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, हिण्डौनसिटी।