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पैंथर का रेस्क्यू करने कुएं में उतरी वन विभाग की टीम

पिंजरे में बैठकर क्रेन की मदद से कुएं में उतरे माचिया पार्क के एक्सपर्ट

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पैंथर का रेस्क्यू करने कुएं में उतरी वन विभाग की टीम

पाली. सफल रेस्क्यू के बाद िपंजरे में बंद पैंथर।

देसूरी(पाली). क्षेत्र के बड़ौद गांव में तीन दिन से सूखे कुएं में फंसे पैंथर का चौथे दिन मंगलवार को जोधपुर माचिया बायोलॉजिकल पार्क की टीम ने पिंजरे में बैठकर क्रेन की मदद से कुएं में उतरकर ट्रेंकुलाइज कर सुरक्षित रेस्क्यू किया। घायल पैंथर को देसूरी क्षेत्रीय कार्यालय में बने रेस्क्यू सेंटर लाया। जहां पशु चिकित्सक की देखरेख में उपचार किया जा रहा है। पैंथर की हालत में सुधार होने पर फिर से जंगल में छोड़ा जाएगा।

देसूरी क्षेत्रीय वन रेंज अधिकारी कानसिंह देवासी ने बताया कि बड़ौद में बेरा हनुमानजी वाला पर शनिवार रात को पैंथर पचास फीट कुएं में गिर गया। 30 जून को पैंथर के गुर्राने की आवाज सुनकर खेत मालिक ने वन विभाग को सूचना दी। जिस पर रविवार शाम वन विभाग घटनास्थल पहुंचा और पिंजरा लगवाया। एक जुलाई को फिर से ग्रामीणों की मदद से कुएं पिंजरा लगाकर रेस्क्यू की कोशिश की गई। सफलता हासिल नहीं होते देख जोधपुर के माचिया मार्क से ट्रेंकुलाइज टीम बंशीलाल व रामरतन विश्नोई पहुंचे। अंधेरा होने पर ऑपरेशन रोकना पड़ा।

पिंजरे में बैठकर किया ट्रेंकुलाइज

मंगलवार को चौथे दिन माचिया पार्क के एक्सपर्ट बंशीलाल सांखला व टाइगर रेस्कयू दल के रफीक पठान पिंजरे में बैठकर क्रेन की मदद से अंदर उतरे। इस दौरान पैंथर ने पिंजरा पर दो-तीन बार झपटा मारा। सांखला ने मौका देख ट्रेंकुलाइज कर पैंथर को सुरक्षित रेस्क्यू कर पिंजरे में डालकर कुएं से बाहर लाया। अब देसूरी क्षेत्रीय वन कार्यालय के सेंटर पर पशु चिकित्सक डॉ. नथाराम चौधरी की देखरेख में उपचार किया जा रहा है।

कुएं में बनी गुफा बनी परेशानी

कुएं की गहराई करीब 50 फीट से अधिक थी। उसमें एक गुफा बनी थी। ऐसे में पैंथर गुफा में घुस जाता था। जिसके कारण कुएं के ऊपर से सीधा ट्रेंकुलाइज करना या रेस्क्यू सम्भव नहीं हो पाया। कई बार पिंजरा डालकर पैंथर को बाहर निकालने के प्रयास किए। फिर कुएं में उतरकर ट्रेंकुलाइज करना पड़ा।

रेस्क्यू में इनका रहा सहयोग

जोधपुर बायोलॉजिकल पार्क ट्रेंकुलाइज एक्सपर्ट बंशीलाल सांखला, राम रतन विश्नोई, देसूरी रेंजर कानसिंह देवासी, नाका प्रभारी बिशनसिंह सोढ़ा, लक्ष्मण सिंह,देवीसिंह,मांगीलाल व टाइगर रेस्क्यू दल के रफीक पठान, सरपंच गोविन्द पुरी गोस्वामी, प्रेमपुरी गोस्वामी समेत ग्रामीणों का सहयोग रहा।