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शिफ्टिंग का दर्द : अघोषित बस स्टैंड बने चौराहों पर जाम लग रहा, इनसे हादसों का भी डर

बस स्टैंड की शिफ्टिंग के बाद शहर के चौराहे अघोषित रूप से बस स्टैंड बन गए हैं। इससे पूरे समय जाम जैसे हालात बने रहते हैं तो हादसों का खतरा भी बढ़ गया है। यात्री बसें चौराहों पर लाइन लगाकर खड़ी हो रहीं हैं और यहीं से यात्रियों को बैठाया जा रहा है।

सागरMay 30, 2024 / 12:03 pm

Madan Tiwari

सिविल लाइन चौराहा

सिविल लाइन चौराहा

बस स्टैंड शिफ्टिंग के बाद बनी यह स्थिति, व्यवस्थित करने पर किसी का ध्यान नहीं

सागर. बस स्टैंड की शिफ्टिंग के बाद शहर के चौराहे अघोषित रूप से बस स्टैंड बन गए हैं। इससे पूरे समय जाम जैसे हालात बने रहते हैं तो हादसों का खतरा भी बढ़ गया है। यात्री बसें चौराहों पर लाइन लगाकर खड़ी हो रहीं हैं और यहीं से यात्रियों को बैठाया जा रहा है। इससे आमजन की परेशानी बढ़ गई है। शहर की बिगड़ती यह व्यवस्था प्रशासनिक अधिकारियों को भी नजर आ रही है, लेकिन कोई भी इसको सुधारने की ओर ध्यान नहीं दे रहा है। इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि नए बस स्टैंड की दूरी शहर से ज्यादा होने के कारण यात्री भी वहां तक जाना नहीं चाहते।
  • सिविल लाइन चौराहा
    शहर में बस स्टैंड होने के दौरान भी सिविल लाइन चौराहे से बसों की आवाजाही थी, लेकिन यहां कभी जाम जैसे हालत नहीं थे, लेकिन शिफ्टिंग के बाद अब चौराहे पर सुबह से लेकर रात तक जाम जैसे हालत रहते हैं। मकरोनिया और तिली तरफ वाले मार्ग पर चौराहे के पास ही बसें यात्रियों को उतारने और बैठाने के लिए खड़ी हो जाती हैं, जिससे आमजन परेशान हैं।
  • राजघाट चौराहा
    बस स्टैंड शिफ्टिंग के पहले तक राजघाट चौराहे से बसों की आवाजाही नहीं थी, लेकिन अब यहां पर शहर की ओर से आने वाले और संजय ड्राइव की तरफ जाने वाले मार्ग पर बसों का स्टॉपेज बन गया है। बसों के लाइन से खड़े होने के बाद मोड़ पर वाहन चालकों को सामने से आ रहा वाहन ही नजर नहीं आता। ऐसे में हादसों का डर भी बना रहता है।
  • मोतीनगर चौराहा
    मोतीनगर चौराहे पर पूरे समय जाम के हालात बने रहते हैं। चौराहे से भोपाल की ओर आने-जाने वाले मार्ग पर सिग्नल पर ही यात्री बस खड़ी होती हैं और यहीं पर यात्रियों को बैठाया-उतारा जाता है। इसके बाद खाली बची सड़क पर सवारी ऑटो लग जाते हैं, जिससे आमजन का निकलना मुश्किल हो जाता है।
  • मकरोनिया चौराहा
    मकरोनिया में चौराहे से निकली तीन सड़कों पर अघोषित बस स्टॉप हैं। जिसमें सिविल लाइन, बहेरिया और नरसिंहपुर मार्ग शामिल हैं। मकरोनिया में वैसे भी यातायात का दबाव शहर के अन्य चौराहों की तुलना में ज्यादा है। इसके साथ ही यहां दोनों तरफ स्थित पेट्रोल पंप के कारण भी वाहनों का आवाजाही ज्यादा है। ऐसे में सड़क पर खड़ी यात्री बसें मुसीबत बन रहीं हैं।
  • बस स्टैंड की शिफ्टिंग के बाद शहर के चौराहे अघोषित रूप से बस स्टैंड बन गए हैं। इससे पूरे समय जाम जैसे हालात बने रहते हैं तो हादसों का खतरा भी बढ़ गया है। यात्री बसें चौराहों पर लाइन लगाकर खड़ी हो रहीं हैं और यहीं से यात्रियों को बैठाया जा रहा है। इससे आमजन की परेशानी बढ़ गई है। शहर की बिगड़ती यह व्यवस्था प्रशासनिक अधिकारियों को भी नजर आ रही है, लेकिन कोई भी इसको सुधारने की ओर ध्यान नहीं दे रहा है। इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि नए बस स्टैंड की दूरी शहर से ज्यादा होने के कारण यात्री भी वहां तक जाना नहीं चाहते।

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