प्रधानमंत्री ने घाना की संसद को किया संबोधित
अक्रा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को घाना की संसद में ऐतिहासिक संबोधन दिया। वह तीन दशकों में घाना की संसद को संबोधित करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए। अपने भाषण में उन्होंने ग्लोबल साउथ की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि 'दुनिया अब ग्लोबल साउथ को अनदेखा नहीं कर सकती।' उन्होंने आतंकवाद और युद्ध जैसी वैश्विक आपदाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि पिछली सदी के वैश्विक समूह इन संकटों को रोकने में विफल रहे हैं, इसलिए तत्काल सुधार की आवश्यकता है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत अफ्रीका के विकास के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ सहयोग करता रहेगा। उन्होंने 140 करोड़ भारतीयों की ओर से शुभकामनाएं देते हुए घाना की लोकतांत्रिक परंपराओं की प्रशंसा की और वहां मिले सम्मान को भारत-घाना मित्रता को समर्पित किया। अपने भाषण में उन्होंने लोकतंत्र की भारतीय परिभाषा पर भी प्रकाश डाला, इसे केवल व्यवस्था नहीं बल्कि देश के मूल्यों का आधार बताया।
इससे पहले पीएम मोदी ने अक्रा में घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा से मुलाकात की। दोनों देशों ने अगले पांच वर्षों में व्यापार दोगुना करने और द्विपक्षीय संबंधों को सामरिक साझेदारी में बदलने का संकल्प लिया। पीएम मोदी ने घाना के लोकतंत्र को अन्य देशों के लिए प्रेरणास्रोत बताया और राष्ट्रपति महामा को भारत आने का निमंत्रण भी दिया। वह घाना दौरे के समापन के बाद दूसरे चरण में 3 से 4 जुलाई तक त्रिनिदाद एवं टोबैगो की यात्रा के लिए रवाना हो गए।
Published on:
05 Jul 2025 04:19 pm