– नगर निगम एवं सुलभ इंटरनेशनल के बीच समझौते के अंतर्गत शहर में सार्वजनिक शौचालय संचालित किए जा रहे हैं। यहां लघु शंका के लिए किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है जबकि दीर्ध शंका के लिए पांच रुपए की राशि वसूल की जाती है। शहर के प्रमुख बाजार और महत्वपूर्ण स्थान पर इनका निर्माण किया गया है, इसके बावजूद इनकी संख्या बेहद सीमित है।
– नगर निगम अधिकृत क्षेत्र के अंतर्गत शहर में 85 वार्ड मौजूद हैं। इनके मुकाबले शहर में महज 62 सामुदायिक शौचालय बनाए गए हैं। केंद्रीय स्वच्छ भारत प्रतियोगिता के नियमों के मुताबिक प्रत्येक वार्ड में एक सामुदायिक शौचालय होना जरूरी है जिसका इस्तेमाल मुख्य रुप से स्लम एरिया के नागरिक कर सकते हैं।
– शहर में 50 से ज्यादा छोटे बड़े बाजार मौजूद हैं जहां प्रतिदिन लाखों महिला पुरुष खरीददारी करने के लिए पहुंचते हैं। आपात स्थिति में महिलाओं एवं पुरुषों को खुले में ही निवृत होना पड़ता है क्योंकि केवल 13 स्थान पर ही पब्लिक यूरिनल्स बनाए गए हैं।
शहर के प्रमुख इलाकों में पब्लिक यूरिनल्स बनाने के टेंडर जारी किए जा रहे हैं। इसके लिए स्वच्छ भारत मिशन से मिली राशि इस्तेमाल की जाएगी। देवेंद्र चौहान, अपर आयुक्त, स्वच्छ भारत मिशन