
भोपाल. राजधानी के 50 से ज्यादा क्षेत्रों में शनिवार को बिजली गुल रहेगी। इन इलाकों में निर्माण कार्यों और रखरखाव के कार्यों के चलते शटडाउन किया जा रहा है। जिसके चलते प्रभावित क्षेत्रों में दो से छह घंटे की कटौती रहेगी। बिजली कंपनी के अनुसार समय में जरूरत के हिसाब से बदलाव भी किया जा सकता है। ऐसा होने पर बिजली गुल का समय घट या बढ़ सकता है।
क्षेत्र: होशंगाबाद रोड, सागर रॉयल, चिनार फॉर्च्यून, नंदन पैलेस और आसपास के क्षेत्र।
समय: सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक।
क्षेत्र: दीक्षा नगर, कादम्बनी, गुलाबी नगर, सिल्वर स्टेट, रामेश्वर बी फेज और आसपास के क्षेत्र।
समय: सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक।
क्षेत्र: नीलम पार्क, वरदान हॉस्पिटल, लालपरेड और आसपास के क्षेत्र।
समय: सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक।
क्षेत्र: सुभाष नगर, एचआईजी, एमआईजी क्वार्टर, पद्मनाभ नगर, हाउसिंग बोर्ड, सुदामा नगर, एकता पुरी, स्वदेश नगर, विनायक होम्स, सेमरा कॉलोनी और आसपास के क्षेत्र।
समय: सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक।
क्षेत्र: भेंसाखेड़ी, आकाश गार्डन, मंडी बैरागढ़ और आसपास के क्षेत्र।
समय: सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक।
क्षेत्र: प्रियंका होम्स, गुड शेफेर्ड, कावेरी कॉलोनी, जेके टाउन और आसपास के क्षेत्र।
समय: सुबह 10 बजे से दोपहर 4 बजे तक।
क्षेत्र: मंदाकिनी कॉलोनी, मंदाकिनी चौराहा, खादिम चौराहा, एमआरएफ टायर, विंडसर स्क्वायर, गुरुकृपा टॉवर, अल्टीमेट ऑर्केड, पैलेस ऑर्चर्ड, जानकी रेजीडेंसी, फॉर्च्यून एस्टेट, वेस्टर्न होटल, आपूर्ति, महाबली नगर, अंबेडकर नगर, साईनाथ, शालीमार पार्क, शालीमार गार्डन, सर्वधर्म और आसपास के क्षेत्र।
समय: सुबह 10 बजे से दोपहर 4 बजे तक।
भोपाल. नॉन कॉम्यूनिकेबल डिजीज (एनसीडी) के रोकथाम के लिए बरखेड़ा पठानी में ग्रामीणों की जांच की गई। इसके लिए बरखेड़ा पठानी स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक विशेष शिविर लगाया गया। जिसमें एम्स के आयुष विभाग के विशेषज्ञों ने मरीजों की जांच की। विभाग आउटरीच प्रोग्राम के तहत लगातार प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में पहुंच कर मरीजों के लिए फ्री आयुष परामर्श और योग परामर्श सत्र आयोजित कर रहा है। साथ ही आवश्यक दवाइयां मुहैया करा रहा है।
भोपाल. प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर जिला अस्पतालों के मेडिकल ऑफिसर्स को कुपोषण के बेहतर इलाज के गुण सिखाए जा रहे हैं। जिससे प्रदेश में शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके। इसके लिए एम्स में दो दिवसीय अभिविन्यास कार्यक्रम आयोजित की गई। प्रदेश भर से दो बैच में मेडिकल ऑफिसर्स ने भाग लिया। प्रतेक बैच 40 मेडिकल ऑफिसर को शामिल किया गया। एम्स के निदेशक डॉ. अजय सिंह ने बताया कि यह कार्यक्रम जन्म से ही गंभीर तीव्र कुपोषण को रोकने में मदद करेगा। हमारे मेडिकल ऑफिसर्स कुपोषण से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस हो रहे हैं। बाल रोग विभाग की प्रोफेसर डॉ. भावना ढींगरा के नेतृत्व में कार्यक्रम के लिए सेशन तैयार किए गए। जिसमें महत्वपूर्ण प्रबंधन प्रोटोकॉल, प्रोटोकॉल-आधारित उपचार रणनीतियों और पोषण पुनर्वास केंद्रों में भर्ती एसएएम बच्चों के लिए आवश्यकता-आधारित रेफरल प्रक्रिया से संबंधित जानकारी दी गई।
Updated on:
17 Jan 2025 06:56 pm
Published on:
17 Jan 2025 06:54 pm
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