पन्ना टाइगर रिजर्व
पन्ना. पन्ना टाइगर रिजर्व में एक जुलाई से कोर जोन में पर्यटन गतिविधियों पर विराम लग जाएगा। मानसून सीजन में कोर जोन में पर्यटन बंद होने के बाद भी बफर में सफर और नाइट सफारी शुरू रहेगी। पन्ना टाइगर रिजर्व घूमने की इच्छा रखने वाले पर्यटक अकोला और झिन्ना बफर में घूमकर बाघों सहित दूसरे अन्य वन्यप्राणियों का दीदार कर सकेंगे। अकोला बफर में शावकों सहित करीब डेढ़ दर्जन बाघों की मौजूदगी है। इसके अलावा अन्य दूसरे वन्यप्राणी भी बड़ी संख्या में पाए जाते हैं।
पर्यटकों की संख्या पहली बार रही 2.20 लाख
पन्ना टाइगर रिजर्व के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि पर्यटकों की संख्या 2.20 लाख के करीब रही लेकिन कमाई का आंकड़ा पांच करोड़ पार कर गया। भीषण गर्मी के अप्रेल-मई के दो महीनों को छोड़ दिया जाए तो पूरे पर्यटन सीजन में यहां भारतीय और विदेशी पर्यटकों की शानदार उपस्थिति रही है। इससे पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों के लिए भी पूरा सीजन अच्छा गुजरा। पन्ना टाइगर रिजर्व में इन दिनों 64 वयस्क बाघों सहित अर्ध वयस्क और शावक मिलाकर 90 से भी अधिक बाघ हैं। यहां जिस गति से बाघों की आबादी बढ़ रही है उससे टेरिटोरियल फाइट बढऩे और मानव-बाघ द्वंद्व के हालात बनने की भी आशंका बढ़ी है।
बेरोजगार हो जाएंगे गाइड और जिप्सी चालक
मानसून सीजन में कोर जोन में पर्यटन बंद होने से एक सैकड़ा जिप्सी चालक और गाइड तीन माह के लिए बेरोजगार हो जाएंगे। हालांकि इनमें से कुछ गाइड और जिप्सी चालकों को पांडव फाल, रनेह फाल और बफर जोन के पर्यटन में काम मिलता है तब भी अधिकांश लोगों को बेरोजगारी ही झेलनी पड़ती है। यदि मानसून में पर्यटन स्थलों को विकसित कर खजुराहो आने वाले पर्यटकों को पन्ना के मंदिरों और बृहस्पतिकुंड आदि घुमाने की दिशा में काम शुरू हो तो गाइड और जिप्सी चालकों को काम मिल सकता है।
शुरू रहेगा बफर में सफर
पर्यटन के हिसाब से यह सीजन काफी अच्छा रहा है। पर्यटकों से पांच करोड़ से अधिक की आय प्राप्त हुई है। मडला जोन में बाघिन पी-151 और बाघिन पी- 141 का परिवार आकर्षण का केंद्र रहा है, हिनौता जोन में बाघिन- 625 का परिवार पर्यटकों के लिए आकर्षण रहा है। इस सीजन पर्यटन से पांच करोड़ से अधिक की आय प्राप्त हुई है।
अंजना एस तिर्की, फील्ड डायरेक्टर पन्ना टाइगर रिजर्व
Updated on:
30 Jun 2024 07:28 pm
Published on:
30 Jun 2024 07:26 pm