
लंबे समय से नौकरी की मांग कर रहे युवक ने अब बुधवार को यातायात चौराहा स्थित महाराजा सूरजमल स्मारक पर अद्र्धसमाधि ले ली। सूचना पर प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे, लेकिन युवक ने कोई भी बात मानने से इंकार कर दिया। स्मारक के सामने ही मुख्यमंत्री का जनसुनवाई केंद्र है। युवक राधेश्याम उर्फ गौरव निवासी प्रिंस नगर का कहना है कि वह पिछले तीन साल से घूम रहा हूं, लेकिन अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा रही है। इसको लेकर मैं पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री और विधायकों के साथ वर्तमान सरकार में राज्यमंत्री के साथ विधायक एवं सांसद से गुहार लगा चुका हूं, लेकिन कोई मेरी बात नहीं सुन रहा। परिवार के गुजारे के लिए मात्र पेंशन सहारा है। मां के बीमार रहने से गुजारा मुश्किल हो रहा है। ऐसे में अब मैं नौकरी नहीं मिलने पर समाधि ले रहा हूं। उल्लेखनीय है कि गौरव के पिता जवाहर सिंह सीआरपीएफ में थे। वर्ष 1999 फील्ड ऑपरेशन के लिए नीमच से रांची जाते समय उनका निधन हो गया। पिता को सेना ने शहीद का दर्जा नहीं दिया। उस वक्त गौरव तीन माह का था। सेना में पिता के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति पाने के लिए मेरा 18 साल का होना जरूरी था। वर्ष 2019 में मैं 18 साल का हो गया। पहली भर्ती में मुझे अनफिट करार दिया। इसके बाद सीआरपीएफ ने वर्ष 2020 में राज्य सरकार को एक पत्र लिखा, जिसमें मुझे राज्य सरकार में एलडीसी की नौकरी देने की सिफारिश की गई। मैं एलडीसी की नौकरी के लिए तैयार हो गया, लेकिन 3 साल चक्कर काटने के बावजूद राज्य सरकार मुझे एलडीसी की नौकरी नहीं दे रही है। यही वजह है कि मुझे अब समाधि जैसा कदम उठाने को विवश होना पड़ रहा है।
सीआरपीएफ ने राजस्थान सरकार को लिखा था पत्र
दरअसल, कुम्हेर थाना इलाके के गांव पेंगौर निवासी 23 वर्षीय युवक राधेश्याम के पिता सीआरपीएफ में कांस्टेबल के पद पर तैनात थे, जिनकी ऑन ड्यूटी मौत हो गई थी। सीआरपीएफ की तरफ से उसके बच्चे राधेश्याम को नौकरी देने के लिए राजस्थान सरकार को पत्र लिखा गया था लेकिन कई वर्षों से यह युवक अनुकंपा नियुक्ति की मांग के लिए दर-दर की ठोकर खा रहा है और नेताओं के चक्कर लगा रहा है।
Published on:
12 Jun 2024 08:12 pm
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