चालू वर्ष की हल्दी का दबाव किसी भी मंडी में नहीं बन पा रहा है। पुरानी हल्दी सम्पूर्ण रूप से पिसाई में जा चुकी है। हल्दी का पुराना स्टॉक वायदा में भी डिलीवरी के लिए बहुत कम बचा है। तथा आई हुई फसल मुश्किल से 65 लाख बोरी के करीब का अनुमान है। इसके अलावा हल्दी का पुराना स्टॉक 5 लाख बोरी मिलाकर कुल उपलब्धि 70 लाख बोरी बैठ रही है। जबकि हमारी घरेलू खपत एवं निर्यात मिलाकर हमें 1.35 करोड़ बोरी हल्दी की जरूरत है। जयपुर मंडी में पिसाई वाली हल्दी बुधवार को 160 से 168 रुपए प्रति किलो थोक में मजबूत बेची जा रही थी।