
केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने चेन्नई की अपनी दो दिवसीय यात्रा के पहले दिन सोमवार को चेन्नई बंदरगाह प्राधिकरण की दो और कामराजर बंदरगाह लिमिटेड की दो, करीब 187 करोड़ रुपए की 4 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का अनावरण किया। विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक चेन्नई बंदरगाह प्राधिकरण की परियोजनाओं की लागत लगभग 78 करोड़ रुपए और कामराजर बंदरगाह लिमिटेड की परियोजनाओं की कुल लागत 109 करोड़ रुपए है।
परियोजना का उद्देश्य सुरक्षित कार्गो भंडारण क्षेत्र सुनिश्चितसूत्रों के मुताबिक चेन्नई बंदरगाह परियोजना तहत 73.91 करोड़ की अनुमानित लागत वाले 4 एक्ज़िम गोदामों और आसपास कंक्रीट सड़कों के विकास वाली परियोजना का उद्देश्य चेन्नई बंदरगाह के अंदर कवर्ड स्टोरेज क्षेत्रों की बढ़ती मांग को पूरा करना और एक्ज़िम व्यापार भागीदारों के लिए सुरक्षित और संरक्षित कार्गो भंडारण क्षेत्र सुनिश्चित करना है। इसके अलावा चेन्नई बंदरगाह के अंदर लगभग 4 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 300 मीटर लंबी पूर्वी परिधीय सड़क से माल की निकासी में विशेष सुविधा होगी। दरअसल इससे विशेष रूप से चेन्नई बंदरगाह पर दूसरे अंतर्राष्ट्रीय कंटेनर टर्मिनल से तटीय कार्गो और कंटेनरों के लिए ट्रेलरों और ट्रकों के टर्नअराउंड समय में तेजी आएगी।गैस उत्सर्जन में आएगी कमीइसके अलावा कामराजर बंदरगाह परियोजना के तहत 88.91 करोड़ रुपए की लागत से उद्घाटित दक्षिणी रेलवे संपर्क के दोहरीकरण वाली परियोजना परियोजना केपीएल की रेक हैंडलिंग क्षमता को 22 रेक/दिन से बढ़ाकर 44 रेक/दिन करने के साथ-साथ बंदरगाह पर भविष्य की क्षमता वृद्धि परियोजनाओं की संपर्क आवश्यकताओं को पूरा करेगी। साथ ही साथ 20.51 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित कोल बर्थ 1 और कोल बर्थ 2 के लिए तटीय विद्युत आपूर्ति सुविधा से जहाजों को घाट पर बिजली की आपूर्ति करके जी.एच.जी. गैस उत्सर्जन में कमी लाई जाएगी।
परियोजनाओं को समय पर पूरा करने का अनुरोधगौरतलब है कि इस दौरान मंत्री ने प्रधान मंत्री की पंच प्राण पहलों के अनुरूप औपनिवेशिक मानसिकता के निशानों को हटाते हुए ‘क्लाइव बैटरी क्वार्टर’ का नाम बदलकर ‘रामानुजम क्वार्टर’ कर महान गणितज्ञ और मद्रास पोर्ट ट्रस्ट के पूर्व कर्मचारी श्रीनिवास रामानुजम को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने समुद्री अमृत काल विजन 2047, पीएम गति शक्ति पहल, व्यापार करने में आसानी पहल और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारियों के तहत पहल में निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप दोनों बंदरगाहों के प्रगति की समीक्षा करते हुए दोनों संगठनों के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों के बारे में जानकारी ली और सरकारी समर्थन का आश्वासन दिया। इस अवसर पर उन्होंने बंदरगाह अधिकारियों से बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए समय-समय पर कार्रवाई का आग्रह भी किया। इस दौरान वहां केंद्रीय मंत्री के अलावा चेन्नई बंदरगाह प्राधिकरण के चेयरमैन सुनील पालीवाल समेत कई अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
Published on:
05 Nov 2024 03:54 pm
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