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कैसी तैयारी: युद्ध व आपदा से बचाने के लिए एसडीआरएफ बेबस, पांच जवानों के भरोसे मदद

-१२० होमगार्ड सैनिकों भी हो चुके बुजुर्ग, ५५ की उम्र कर चुके पार -एक टीम बनाने में भी एसडीआरएफ को आ जाता है पसीना

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दमोह

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Aakash Tiwari

May 17, 2025

आकाश तिवारी
दमोह.भारत-पाकिस्तान के बीच विवाद अभी थमा नहीं है। कभी भी युद्ध की स्थितियां निर्मित हो सकती हैं। ऐसे में प्रशासन लोगों को जागरुक करने में जुटा हुआ है। आपदा प्रबंधन की टीम रिहर्सल के माध्यम से खुद को तैयार कर रही है।
खासबात यह है कि युद्ध जैसी स्थिति बनने पर जिले में राहत बचाव के लिए एसडीआएफ दल की भारी कमी है। एसडीआरएफ टीम में सिर्फ पांच जवान है, जिनके कंधों पर आपदा से बचाव की सारी जिम्मेदारियां हैं। लंबे समय से जवानों की तैनाती नहीं हुई है। हर साल आपदा प्रबंधन की टीम गठित होती है, एक टीम को गठित करने के लिए होमगार्ड के सैनिकों को शामिल करना पड़ता है। परेशानी की बात यह है कि होमगार्ड सैनिक उम्रदराज हो चुके हैं, जिनसे भारी भरकम काम नहीं कराया जा सकता।
-होमगार्ड बनी बुजुर्गों की सेना, एक भी नहीं जवान
बताया जाता है कि एसडीआरएफ में शामिल होने के लिए होमगार्ड सैनिक की उम्र ३५ साल से कम होना चाहिए, लेकिन जिले में अधिकांश होमगार्ड सैनिकों की उम्र ५५ साल है। कहने को जिले में १२० होमगार्ड सैनिक हैं, जो एसडीआरएफ में जा सकते हैं, लेकिन इनकी उम्र ज्यादा हो चुकी है। इस वजह से इनकी भर्ती इसमें नहीं हो सकती।
-१६ साल से नहीं हुई भर्ती, विकल्प भी नहीं
जिले में एसडीआरएफ जवानों की भर्ती वर्ष २००९ से नहीं हुई है। कमांडेंट हर्ष कुमार जैन बताते हैं कि यह परेशानी प्रदेश के सभी जिलों में है। हालांकि मालवा में कमी नहीं है। सिंहस्थ के दौरान यहां पर एसडीआरएफ की तैनाती हुई थी, लेकिन संभाग के सभी जिलों में दल की भारी कमी है।
-तीन नदियों से बाढ़ का खतरा, भगवान भरोसे बचाव
इधर, मानसून दहलीज पर है। गर्मी के बाद बारिश का मौसम शुरू होगा। इस दौरान बाढ़ की आशंका भी बनी रहती है। प्रशासन बाढ़ प्रभावित गांवों की सूची तैयार करा रहा है। हालांकि पूर्व से चिंहित इलाके ही इसमें शामिल रहेंगे। हटा, कुम्हारी, नरसिंहगढ़ व खड़ेरी गांव में बाढ़ का खतरा रहता है। जिले में व्यारमा, सुनार और बेबस नदी के आसपास के गांवों को खाली कराया जा सकता है।
-वर्शन
यह बात सही है कि एसडीआरएफ में सिर्फ ५ जवान हैं। टीम बनाने में भी परेशानी आती है। होमगार्ड सैनिकों की आयु ३५ से ज्यादा है, इस वजह से वह इसमें शामिल नहीं हो पा रहे हैं। शासन को पत्र लिखे जा चुके हैं।
हर्ष कुमार जैन, कमांडेंट एसडीआरएफ

फैक्ट फाइल
५ जवानों के भरोसे एसडीआरएफ।
१२० होमगार्ड सैनिकों में एक भी नहीं युवा
सभी की उम्र ५५ पार।
२००९ से नहीं हुई एसडीआरएफ में नियुक्ति।
युद्ध का खतरे के बीच बड़ी परेशानी।