17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पर्यटकों के प्रदेश में यह कैसा नियम ? छोटी टै​क्सियों में कैरियर पर कर रहे जमकर चालान,

टैक्सी कारों पर कर पड़ोसी राज्यों की तरह होएसोसिएशन ने राज्य बजट में टैक्सी कारों पर लगने वाले करों को हरियाणा और गुजरात जैसे पड़ोसी राज्यों के अनुरूप वार्षिक, अर्द्धवार्षिक या तिमाही आधार पर करने की मांग की।

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Vijay Sharma

Dec 17, 2025

ऑल राजस्थान ट्यूरिस्ट कार एसोसिएशन ने उठाए सवाल

लंबी दूरी की यात्रा में पर्यटकों और चालक दोनों असहज

जयपुर। सड़क सुरक्षा को मजबूत करने और दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सरकार की ओर से जारी निर्देशों पर सवाल खड़े हो गए हैं। ऑल राजस्थान ट्यूरिस्ट कार एसोसिएशन, जयपुर ने टैक्सी व्यवसाय में आ रही व्यावहारिक समस्याओं को लेकर सरकार से संवाद और नीतिगत संतुलन की मांग की है। एसोसिएशन का कहना है कि बिना संगठनों से चर्चा किए बनाए गए नियम यदि रोजगार खत्म करने का कारण बनें, तो वे न्यायोचित नहीं माने जा सकते।

एसोसिएशन के पदा​धिकारियों का कहना है कि टैक्सी कारों में छत पर लगने वाला सामान रखने का ढांचा (कैरियर) बेहद जरूरी है, क्योंकि पर्यटन और लंबी दूरी के यात्रियों का सामान इसी के माध्यम से ले जाया जाता है। ऐसे में इस प्रावधान से टैक्सी वाहनों को मुक्त रखा जाना चाहिए। पैनिक बटन और जीपीएस को लेकर मांग की गई कि इसकी अनिवार्यता कार निर्माता कंपनियों पर हो, न कि पुराने वाहनों के लिए बाहरी वेंडरों से जबरन लगवाया जाए। आदेश से पहले पंजीकृत टैक्सी कारों को इससे बाहर रखने की भी मांग की गई है। एसोसिएशन के पदा​धिकारियों ने कहा कि परिवहन और सड़क नीति में समयानुसार बदलाव जरूरी है, लेकिन चालान के जरिए राजस्व बढ़ाना सरकार का प्रमुख उद्देश्य नहीं होना चाहिए। टैक्सी मालिकों और ड्राइवरों का यह वर्ग स्वरोजगार से जुड़ा है, ऐसे में नीतियां बनाते समय उनकी आजीविका और जमीनी हालात को समझना जरूरी है। एसोसिएशन ने इस संबंध में  परिवहन आयुक्त को ज्ञापन भी सौंपा है।

टैक्सी कारों पर कर पड़ोसी राज्यों की तरह होएसोसिएशन ने राज्य बजट में टैक्सी कारों पर लगने वाले करों को हरियाणा और गुजरात जैसे पड़ोसी राज्यों के अनुरूप वार्षिक, अर्द्धवार्षिक या तिमाही आधार पर करने की मांग की। इसके साथ ही बीमा प्रीमियम तय करते समय नो क्लेम बोनस (एनसीबी) का लाभ टैक्सी मालिकों को भी दिए जाने पर जोर दिया गया। मांग यह भी रही कि प्राइवेट नंबर प्लेट वाले वाहनों को टैक्सी के रूप में चलाने पर सख्त कार्रवाई हो। ऐसे मामलों में पंजीयन निरस्त कर वाहन जब्त किए जाएं, ताकि नियमों का पालन करने वाले टैक्सी मालिकों के साथ अन्याय न हो। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एसोसिएशन ने सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों और पर्यटन होटलों में टैक्सी ड्राइवरों के लिए जनसुविधाएं अनिवार्य करने की मांग रखी। साथ ही राज्य सरकार से संस्था कार्यालयों और ड्राइवरों के विश्राम स्थलों के लिए भूमि उपलब्ध कराने का आग्रह किया।ऐप टैक्सी पर अलग नियमों की मांगओला-उबर जैसी ऐप आधारित टैक्सियों को लेकर एसोसिएशन ने सुरक्षा के लिहाज से वाहनों की सूची, ड्राइवरों की वर्दी और टैक्सी के रंग तय करने की मांग की। साथ ही इन टैक्सियों के लिए शहर या जिला स्तर का ही परमिट लागू करने पर जोर दिया गया।

परिवहन विभाग की ओर से टैक्सी चालकों पर चालान थोपकर जबरन परेशान किया जा रहा है। राजस्थान में अभी पर्यटन सीजन चल रहा है। चालान के डर से चालाक गाड़ी देने से मना कर रहे हैं। इससे पर्यटकों को भी परेशानी हो रही है। विभाग इस विषय में राहत दें।
प्रदीप पाराशर, महासचिव, ऑल राजस्थान टूरिस्ट कार एसोसिएशन

टैक्सी चालकों ने चालकों ने समस्या बताई है। नियमों को दिखवाया जा रहा है। आश्वासन दिया है नियमानुसार उन्हें राहत दी जाएगी।
पुरुषोत्तम शर्मा, आयुक्त परिवहन विभाग