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Yogini Ekadashi: इस दिन व्रत करने से विष्णु लोक होता है प्राप्त, चर्म रोगों से मिलती है मुक्ति

एकादशी का व्रत करने से जातक को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और विष्णु लोक प्राप्त होता है

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भोपाल

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Tanvi Sharma

Jun 22, 2019

yogini ekadashi 2019

Yogini Ekadashi: इस दिन व्रत करने से मिलता है विष्णु लोक, चर्म रोगों से मिलती है मुक्ति

आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी होती है। योगिनी एकादशी ( Yogini Ekadashi ) के दिन भगवान विष्णु की पूजा व उनके निमित्त व्रत किया जाता है। वैसे तो सालभर में 26 एकादशियां पड़ती है और सभी का अपना अलग महत्व होता है। उन्हीं एकादशी में से योगिनी एकादशी ( Ekadashi ) अलग महत्व रखती है। इस साल योगिनी एकादशी 29 जून को पड़ रही है।

पद्म पुराण के अनुसार योगिनी एकादशी समस्त पापों का नाश करने वाली है। यह संसार सागर में डूबे हुए प्राणियों के लिए सनातन नौका के सामान है। यह देह की समस्त आधि-व्याधियों को नष्ट कर सुंदर रूप, गुण और यश देने वाली है। इस व्रत का फल 88 हज़ार ब्राह्मणों को भोजन कराने के फल के समान है। एकादशी का व्रत करने से जातक को सभी पापों से मुक्ति मिलती है, इसके साथ ही उन्हें विष्णु लोक भी प्राप्त होता है। योगिनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को चर्म रोगों से भी मुक्ति मिलती है, वहीं उसका जीवन सफल हो जाता है।

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योगिनी एकादशी व्रत विधि

एकादशी के दिन सुबह नित्यक्रमों से मुक्त होकर स्नानादि करें और व्रत का संकल्प लें। तत्पश्चात भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर रखकर उन्हें स्नान कराएं तथा उन्हें भोग लगाएं और फूल, धूप और दीपक से आरती उतारें। भगवान विष्णु की पूजा के बाद योगिनी एकादशी की कथा सुनें। कथा सुनने के बाद एकादशी के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना भी अच्छा माना जाता है। पीपल की पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है।

इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ पीपल के वृक्ष की पूजा का भी विधान है। साधक को इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की मूर्ति को 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का उच्चारण करते हुए स्नान कराना चाहिए। इसके पश्चात् भगवान श्री विष्णु को वस्त्र, चन्दन, जनेऊ, गंध, अक्षत, पुष्प, धूप-दीप, नैवेद्य, ताम्बूल आदि समर्पित करके आरती उतारनी चाहिए।


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