CG News: छत्तीसगढ़ के रायपुर में टिकरापारा स्थित गुडविल अस्पताल में प्री-मैच्योर नवजात शिशु की मौत का मामला सामने आया है। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने नवजात शिशु को फिट बता दिया और प्राइवेट वार्ड में भर्ती कर दिया। रात में साढ़े 9 बजे परिजनों को बच्चा हैंडओवर किया। इसके कुछ ही घंटे बाद तड़के 4 बजे उसकी मौत हो गई। मामले में कोतवाली में एफआईआर कराई गई है। साथ सीएमएचओ कार्यालय में भी शिकायत की गई है।
रायपुर निवासी शुभम जायसवाल ने बताया कि उनकी पत्नी आकांक्षा 8 माह की गर्भवती थी। रूटीन चेकअप के लिए गुडविल अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां डॉक्टरों ने सोनोग्राफी की और बताया कि गर्भ में पानी कम है। इससे शिशु को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। इसलिए तत्काल ऑपरेशन करना पड़ेगा।
परिजनों ने डॉक्टरों की बात मानी। रात 9 बजे के आसपास डॉक्टर गर्भवती महिला को ओटी में लेकर गए। साढ़े 9 बजे बच्चे को टॉवेल में लपेटकर परिजन को सौंप दिया। डॉक्टरों ने कहा कि महिला को 8 माह में डिलीवरी हुई है, तो बच्चा प्री-मैच्योर है, इसलिए विशेष देखभाल की जरूरत है।
परिजन का दावा है कि डॉक्टरों ने शिशु को कुछ देर बाद फिट बता दिया। करीब साढ़े 6 घंटे बाद नवजात शिशु ने दम तोड़ दिया। शुभम का आरोप है कि रात में अस्पताल में कोई भी डॉक्टर नहीं था। केवल नर्स व कंपाउंडर थे। यही कारण है कि शिकायत के बाद भी नवजात शिशु को देखने कोई नहीं आया।
इस मामले में अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. सत्यजीत साहू ने बताया कि महिला गंभीर स्थिति में आई थी। 34 माह की गर्भवती होने पर महिला को इमरजेंसी में सर्जरी कराने की सलाह दी गई। बच्चा फिट था, लेकिन फेफड़े में दूध जाने के कारण उसकी मौत हो गई। आईसीयू में ले जाकर शिशु को बचाने की भी कोशिश की गई, लेकिन कोशिश नाकाम हो गई।
Updated on:
21 Jun 2025 10:26 am
Published on:
21 Jun 2025 10:24 am