
हाईवे पर खड़े ट्रकों से बढ़ा हादसे का खतरा (Photo Patrika)
CG News: राष्ट्रीय राजमार्ग राजिम फिंगेश्वर रोड़ पर स्थित राइस मिलों से धुआं उगलती चिमनियों से आसपास का वातावरण प्रदूषित हो चुका है। वहीं इन राइस मिलों के सामने सड़क पर खड़े भारी वाहनों से लोगों को आवागमन करने में काफी परेशानी हो रही है। सबसे ज्यादा किसान परेशान रहते हैं। इनका खेतों में धान बुआई से लेकर धान कटाई तक निरंतर खेत आना जाना रहता है।
काली राखड़ के चलते शहर सहित आसपास के ग्रामीण जिनमें कोमाए कुहीए पितईबंदए इत्यादि गांवों के नागरिक सबसे ज्यादा परेशान है। इनमें से किसान बहुत ज्यादा परेशान है। बताया जाता है कि आज से 20 साल पहले इस सड़क मार्ग पर कोई राइस मिल नहीं था, तब यहां का वातावरण बिल्कुल स्वच्छ था। यहां की जमीन पर सिर्फ धान की पैदावार होती थी और किसान इससे खुश थे। इन मिल वालों ने किसानों से जमीन तो खरीद ली और पहले छोटे आकार में राइस मिल लगाएं।
धीरे-धीरे किसानों को लालच देकर उनके जमीन खरीदते गए और मिल का दायरा बढ़ता गया। वर्तमान में एक राइस मिल ही कई एकड़ खेतिहर जमीन गटक गए हैं और अभी भी यह सिलसिला जारी है। सड़क के दोनों किनारे तीन से चार राइस मिलों से राखड़ निरंतर निकल रहे हैं। आने जाने वाले लोगों को बड़ी परेशानी हो रही है। राखड़ आंखों में चलने जाने से लोग परेशान हो जाते हैं। यहां तक कि डाक्टर के पास जाने तक की नौबत आ जाती है।
वहीं दूसरी ओर बरसात होने पर कीचड़ से भी लोग परेशान रहते हैं। सड़क किनारे खड़ी लोडिंग गाड़ियों से हर कोई परेशान है। इस संबंध में माखनलाल, दिनेश, रामचंद्र, विनय, आनंद, सूरज, भुवनेश्वर आदि लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि यह राष्ट्रीय राजमार्ग है और यहां पर राइस मिल की अनुमति ही नहीं देनी चाहिए थी। कम से कम हाईवे को तो सुरक्षित रखना चाहिए था। यहां के लोग राखड़ से बहुत परेशान हैं। जिसे देखते हुए शासन प्रशासन को चिमनी से निकलने वाली राखड़ आम जनता और किसानों को परेशान ना करें ऐसा कुछ उपाय किया जाना चाहिए।
राइस मिल के पानी से किसान चिंतित
मिली जानकारी के मुताबिक राइस मिल के गंदे पानी के चलते किसान चिंतित हैं। इसके चलते वह ठीक से खेती नहीं कर पा रहे हैं। नतीजा मजबूरी में उन्हें अपनी खेतीहर जमीन बेचनी पड़ रही है। किसानों ने गंदे पानी को व्यवस्थित करने की मांग जिला प्रशासन से की है। इन्होंने कहा है कि मिल चला रहे हैं तो गंदे पानी को खपाने की भी व्यवस्था उनके पास होनी चाहिए। किसानों के खेत में इस तरह के गंदे पानी बहाना ठीक नहीं है। कुछ किसानों ने कहा कि राइस मिल का दायरा न बढ़ें और खेती वाले जमीन पर खेती ही हो। उन्हें व्यापारियों को न बेचें वरना एक दिन खेती का जमीन ही समाप्त हो जाएगी, तब लोग क्या खाएंगे।
इस हाईवे पर हमेशा सड़क के किनारे की बात कौन करें आधी सड़क को घेरकर गाड़ियां खड़ी रहती है। न ही इन्हें रोक-टोक करने वाला कोई नहीं रहता। अगर किसी दिन बड़ी दुर्घटना घट जाए तो इसके लिए कौन जिमेदार होगा। बताना होगा कि इसी मार्ग से होकर जिला मुयालय महासमुंद पहुंच जाता है। यात्री इसी मार्ग का उपयोग करते हुए राजिम से होते हुए राजधानी रायपुर के लिए आवागमन करते हैं।
इस दौरान राजिम कोमा पास के राइस मिल से लेकर किरवई, धमनी बोरसी, सेहतरा, कुही लोग इसी मार्ग से गुजरते रहते हैं। कॉलेज की बच्चे छात्र-छात्राएं वह स्कूली बच्चे भी इसी मार्ग से आना जाना हमेशा लगा रहता है। ध्यान हटी तो दुर्घटना घटी वाली कहावत यही चरितार्थ होती है।
Updated on:
02 Jun 2025 11:05 am
Published on:
02 Jun 2025 11:03 am
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