जिले के करीब 400 गांवों में शौचालय बनाए जाएंगे। जहां वर्तमान में करीब 70 फीसदी लोग खुले में शौच कर रहे हैं। एक सर्वे के अनुसार वर्तमान में जिले में तीन तरह के लोग खुले में शौच जा रहे हैं। पहले वर्ग में वह हैं जिनके पास भूमि और पैसे दोनों हैं, लेकिन फिर भी वह शौचालय का निर्माण नहीं करा पाए हैं। दूसरे वह लोग हैं, जिनके पास भूमि तो हैं पर शौचालय निर्माण के लिए रकम नहीं है। तीसरे कमजाेर वर्ग के हैं जिनके पास शौचालय के निर्माण के लिए भूमि और रकम दोनों नहीं है। प्राधिकरण और जिला प्रशासन सबसे पहले पहले वर्ग के लोगों में ओपन डिफेक्शन की प्रवृत्ति काे दूर करने की कोशिश करेगा। शौचालय निर्माण के अलावा इस दिशा में जागरुकता अभियान भी चलाया जाएगा।