Aaj bharat band hai पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पुलिस अलर्ट- पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी सवर्णों की ओर से लाए गए भारत बंद के इस आहृान का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। वहीं नोएडा एसएसपी ने सभी से शांती पूर्वक विरोध करने की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत बंद के दौरन अगर किसी ने भई कानून हाथ में लेने की कोशिश की तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने जिन इलाकों से एससी एसटी एक्ट के विरोध में विरेध मार्च निकाला जाएगा उन इलाकों में जगह-जगह भारी पुलिस बल तैनात किया जाएगा। उधर भारत बंद को देखते हुए एलआईयू भी एक्टिव हो गई है।
Aaj bharat band hai क्या है SC-ST एक्ट 2018- दरअसल अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लोगों पर होने वाले अत्याचार और उनके साथ होने वाले भेदभाव को रोकने के मकसद से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम, 1989 बनाया गया था। जिसमें समय के अनुसार कई नियम और प्रावधान शामिल किए गए। लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट के बदलाव करते हुए मामलों में तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा कि शिकायत के बाद तुरंत मुकदमा दर्ज नहीं किया जाएगा। इसमें पहले डीएसपी स्तर के पुलिस अफसर द्वारा सात दिन के अंदर शुरुआती जांच की जाएगी। जांच के बाद जो नतीजा निकालेंगे उसके बाद ही मामला दर्ज होगा या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने एससी एक्ट के बड़े पैमाने पर गलत इस्तेमाल की बात को मानते हुए कहा था कि इस मामले में सरकारी कर्मचारी अग्रिम जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं।
हालाकि अब केंद्र सरकार ने एससीएसटी संशोधन विधेयक 2018 के जरिए सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को पलट दिया है। जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल संबंधी शिकायत पर तुरंत मामला दर्ज होगा। अब मामले में तुरंत गिरफ्तारी का प्रावधान कर दिया है। इसके अलावा अग्रिम जमानत भी नहीं मिलेगी और मामले में जांच इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अफसर करेंगे।
Aaj bharat band hai
सवर्णों एक्ट में बदलाव का कर रहे विरोध- सरकार के इसी फैसले के बाद देश भर के सवर्णों का गुस्सा फूट पड़ा है। उन्होंने एससी एसटी एक्ट में बदलाव के विरोध में बिगुल फूंक दिया है। जिसके तहत सवर्णो और ओबीसी वर्ग की तरफ से 6 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया है। गुरुवार सुबह 8 बजे से यूपी के तमाम जिलों में सवर्ण व ओबीसी समाज सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगा। साथ ही मार्केट व व्यपारिक प्रतिष्ठान आदि को बंद कराने का दावा
सवर्ण समाज की तरफ सेे किया गया है। उनकी मांग है सरकार ने एक्ट में जो बदलाव किए हैं उसे वापस लें। क्योंकि इस कानून का काफी दुरूपयोग हो रहा है।