12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सरकारी स्कूलों के छात्रों के हाथ-पैर के निशान देखकर करियर चुनने की मिलेगी सलाह

छात्रों को अब हाथ-पैर के निशान के आधार पर करियर चुनने की सलाह दी जाएगी, छात्रों पर रिसर्च के लिए आएंगे विशेषज्ञ, करियर संबंधी भ्रम करेंगे दूर

2 min read
Google source verification
career

सरकारी स्कूल में छात्रों के हाथ-पैर के निशान देखकर करियर चुनने की मिलेगी सलाह

नोएडा। अक्सर पेरेंट्स को अपने बच्चों के करियर को लेकर चिंता लगी रहती है। स्कूल के समय से ही पेरेंट्स अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचने लगते हैं। शायद अब पेरेंट्स की इस चिंता का निवारण हो सके। दरअसल, छात्रों को अब हाथ-पैर के निशान के आधार पर करियर चुनने की सलाह दी जाएगी।

यह भी पढ़ें : इस वृक्ष के पूजन से सूर्य देव की करेंगे आराधना तो देखने को मिलेंगे चमत्कार

इसके लिए नोएडा के पंचशील बालक इंटर कॉलेज में एक एक्सिलेंसी सेंटर स्थापित किया जाएगा। इस सेंटर में बच्चों के डीएमआईटी (डर्मेटोग्लाफिक मल्टिपल इंटेलिजेंस टेस्ट) और साइकोमैट्रिक टेस्ट किए जाएंगे। जिसके बाद बच्चों को बताया जाएगा कि उन्हें क्या करियर चुनना चाहिए। बता दें कि पहली बार जिले के किसी सरकारी स्कूल में इस तरह का केंद्र शुरू होने जा रहा है।

यह भी पढ़ें : आसमान में धूल छाने के बाद अब कभी भी आ सकती है खतरनाक आंधी, ये है मौसम विभाग का अलर्ट

विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. नीरज टण्डन का कहना है कि स्कूल में शोध केंद्र खोले जाने के लिए सभी तैयारियां पूर्ण हो गई है और नया सत्र शुरू होते ही इस केंद्र को शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि एक्सिलेंसी सेंटर में छात्रों पर रिसर्च करने के लिए दूसरे जिलों से भी विशेषज्ञ आया करेंगे। इससे बच्चों को करियर चुनने संबंधी भ्रम दूर किया जा सकेगा।

यह भी पढ़ें : 2019 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने बनाई ऐसी रणनीति, जानकर भाजपा के भी उड़े होश

डीएमआईटी टेस्ट के बारे में डॉ. नेहर्षि श्रीवास्तव का कहना है कि इंसान की हथेलियों और पैर के तलवों पर निशान होते हैं। इन निशान के आधार पर ही इंसान के भविष्य की गतिविधियों का आंकलन किया जा सकता है। वहीं साइकोमैट्रिक टेस्ट में छात्रों से कई तरह के प्रश्न किए जाते हैं। जिनके उत्तर दिए जाने पर निष्कर्ष निकाला जाता है।.

यह भी पढ़ें : गली में लावारिस हालत में पड़ी 1 दिन की बच्ची के ऊपर से गुजर गया कचरा भरा रेहड़ा, फिर दो बार और...

गौरतलब है कि इसके पहले चरण में एक ही स्कूल में पढ़ने वाले एक हजार छात्रों पर रिसर्च किया जाएगा। फिर दूसरे चरण में जिले के अन्य स्कूलों के छात्रों को भी यहां टेस्ट कराने का मौका मिलेगा। इसके साथ ही यह सुविधा छात्रों के लिए बिलकुल नि:शुल्क होगी।