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इन शहरों की हवा हुई जहरीली, घातक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण, देखें पूरी लिस्ट

दिवाली पर धुआं में उड़ गए सुप्रीम कोर्ट के आदेेश, सीपीसीबी ने जिला प्रशासन को नोटिस भेजकर मांगा जवाब

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इन शहरों की हवा हुई जहरीली, घातक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण, देखें पूरी लिस्ट

नोएडा. दीपावली के मौके पर वेस्ट यूपी में अवैध पटाखे बेचे गए हैं। जिसकी वजह से वेस्ट यूपी की हवा जहरीली हो गई है। दीपावली के दो दिन बाद ही कई शहरोें में सांस लेना मुश्किल हो गया है। दीपवाली त्यौहार के दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया। वेस्ट यूपी में जो पटाखे बेचे गए वे कोर्ट के आदेश के अनुरुप नहीं थे। कोर्ट ने ग्रीन पटाखे बेचने के आदेश दिए थे। जिला प्रशासन भी सरकार की तरफ से जारी की गई सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के पालन कराने में पूरी तरह फेल नजर आया। यहीं वजह है कि गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर समेत वेस्ट यूपी के कई जिलों में प्रदूषण का स्तर काफी अधिक पहुंच गया है।

दीपावली के बाद शहर में बढ़े प्रदूषण को देखते हुए सीपीसीबी (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) ने डीएम गौतमबुद्धनगर को नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि ऐसी रिपोर्ट मिली है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया। पटाखे बेचे व जलाए गए वे नियम के मुताबिक नहीं थे। सीपीसीबी के चेयरमैन एसपी सिंह परिहार ने डीएम को नोटिस भेजकर एक सप्ताह में जवाब मांगा है। सीपीसीबी की तरफ से नोटिस मिलने के बाद मेंं डीएम ने अन्य विभागों से मामले पर नोटिस देकर डिटेंल मांगी है। नोटिस में साफ कहा गया है कि पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव ऑर्गेनाइजेशन (पीईएसओ) की तरफ से किसी को ग्रीन या मानकों के अनुरूप पटाखे बनाने का लाइसेंस जारी करने की कोई जानकारी नहीं है। गौतमबुद्धनगर में बेचे गए पटाखे अनाधिकृत थे।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने दीपावली के दिन 8 से 10 बजे तक पटाखे छोड़ने को मंजूरी दी गई थी। साथ ही इस टाइम के बाद में कोई पटाखा छोड़ता है तो संबंधित थाना इंजार्च को कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे। राज्य सरकार की तरफ से जिला प्रशासन को शासनादेश जारी किया गया था। कोई 10 बजे के बाद पटाखें न छोड़ सके, इसकी जिम्मेदारी पुलिस को सौंपी गई थी। दीपावली पर नियमों की धज्जियां उड़ाई गई।ग्रीन पटाखों की जगह समान्य पटाखें बेचे गए। साथ ही रात को एक बजे तक पटाखे चलाए गए।

डीएम ने मांगा जवाब

एक तरफ जहां दीपावली पर सुप्रीम कोर्ट के नियमों का उल्लघंन किया गया तो वहीं जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। डीएम रितु महेश्वरी ने जिले के सभी कोतवाली प्रभारियों से जवाब मांगा है। दरअसल में डीएम की तरफ से कोतवाली प्रभारियों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। नोटिस में साफ कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवेहलना पर क्यों ना आपके उपर कार्रवाई कर दी जाए।

आंखों में जलन और सांस के मरीजों की संख्या में हुआ इजाफा

दीपावली पर हुए प्रदूषण की वजह से अस्पतालों में आंखों में जलन और सांस के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। पिछले दो दिनों में ही सरकारी अस्पतालों में इन बीमारियों के 850 से ज्यादा मरीज पहुंचे हैं। साथ ही निजी अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। डॉक्टरों ने बताया कि आंखों में जलन के 200 से ज्यादा मरीज आए हैं। प्रदूषण के कारण मरीजों की आंखों में जलन है। उन्होंने बताया कि कि पटाखों से निकलने वाला धुआं आंखों के लिए काफी नुकसानदेह होता है।

एनसीआर का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर है गाजियाबाद

एयर क्वॉलिटी इंडेक्स की बात करें तो गाजियाबाद एनसीआर का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। शनिवार को प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। जिसके चलते एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 441 तक पहुंच गया है, जबकि गुरुवार को जिले का 442 एक्यूआई था।

शहर का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स

दिल्ली 423

गाजियाबाद 441

नोएडा 442

बुलंदशहर 442

हापुड 378

मुरादाबाद 363