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#Azadi आमिर हसन का ये गीत भर देता है सेना के जवानों में जोश

852 लाइट रेजिमेंट ने बनाया अपना गान, भारतीय सेना से मिला सम्मान

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sharad asthana

Aug 15, 2016

amir

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नोएडा। युद्ध उद्घोष सेना के जवानों में अद्म्य साहस भर देता है। उनके इसी हौसले को अपनी आवाज और लेखनी के जरिए नोएडा के इस इंजीनियर ने गाना कंपोज किया। जिसे गत वर्ष भारतीय सेना की 852 लाइट रेजिमेंट ने अपना गान बनाया। बटालियन का मानना है कि इस गाने को सुनते ही जवानों का हौसला बुलंद हो जाता है। बतौर इसके लिए नोएडा के इस इंजीनियर आमिर हसन को बटालियन की ओर से सम्मानित भी किया गया।

मूलरूप से बदौही निवासी आमिर हसन सेक्टर-73 में रहते हैं। वह यहां एक आर्इटी कंपनी में साॅफ्टवेयर इंजीनियर हैं। उन्होंने बटालियन के लिए (शूरवीरों में श्रेष्ट हम) नाम से लिखा गाना गाया। यह सेना के जवानों में भरपूर जोश भरने में सक्षम साबित हुआ है। इसके अलावा इंडियन आर्मी, मध्य प्रदेश सरकार, होम गार्ड जैसे संस्थानों के लिए गाना कंपोज करने के बाद यह एक और सफलता उन्होंने हासिल की है। पिछले कुछ वर्षों में बहुत से संस्थानों व संगठनों ने भी आमिर की कला का सम्मान किया है।

मध्य प्रदेश स्थापना दिवस पर मिला मौका

आमिर ने पिछले वर्ष ही मध्य प्रदेश स्थापना दिवस पर प्रस्तुति दी थी जिसके बाद आर्मी के अधिकारीयों ने उन्हें एक गाना उनके लिए भी कंपोज करने का बोला । देशभक्ति, प्रेम व जीवन के संघर्ष पर गाना लिखने वाले आमिर के लिए यह गौरवमय पल था।

52 गाने सोचने के बाद बना यह गान

इंडियन आर्मी की 852 लाइट रेजिमेंट के लिए शूरवीरों में श्रेष्ट हम नाम से गाना कंपोज किया था, जिसको बटालियन ने अपना गान बना लिया। इस गाने को आवाज व बोल आमिर हसन ने ही दिए है और धुन हंसराज ने तैयार की है। उन्होंने हंसराज के साथ मिल कर एक हफ्ते में 52 गाने सोच लेने के बाद अंत में शूरवीरों में श्रेष्ट हम गाना तैयार किया, जो रेजिमेंट को खासा पसंद आया।

पिता से मिली प्रेरणा

आमिर हसन ने बताया कि उनके पिता बीएसएनएल में थे। महज छह साल की उर्म से पिता आमिर को 15 अगस्त पर आफिस ले जाते थे। जहा सभी लोग उनसे देशभक्ति के गाने सुनते थे। इसके बाद से उनमे देशभक्ति की भावना पैदा हुई। ऐसे में पिता मोहम्मद नूरुल हसन ने बताया की उन्होंने आमिर की कला को बचपन में ही परख लिया था। इसलिए उन्होंने उसे संगीत में आगे बढने के लिए न केवल प्रेरित किया बल्कि अच्छे उस्तादों व गुरुओं से प्रशिक्षण भी दिलवाया। उन्होंने यह भी बताया की भारतीय सेना से मिला हुआ सम्मान उनके लिए किसी गौरव से कम नहीं है। खुशी है कि उनका बेटा सेनिकों में जोश भरने में सक्षम रहा है।

छह म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट में महारत हासिल

अपनी आवाज और कला के दम पर नोएडा का लोहा मनवा चुके 25 वर्षीय आमिर दिन में 11 घंटे रियाज करते हैं। सूफी, शास्त्रीय, रॉक गानों पर लोगों को अपनी आवाज से मदहोश करने वाले आमिर 6 म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट में भी महारत हासिल किये हुए। गिटार, कीबोर्ड, बासुरी, मौथोर्गन, हारमोनियम आदि इंस्ट्रूमेंट को बखूबी बजाने की कला रखते हैं। आमिर ने बताया की वह 6 वर्ष की उम्र से ही संगीत सीख रहे हैं और एमसीए की डिग्री प्राप्त करने के बाद नौकरी तो कर रहे हैं, पर उनका लक्ष्य विश्वस्तर पर भारत का नाम अपनी आवाज के दम पर बुलंद करना है।

देश के कई शहरों में कर चुके है कॉन्सर्ट

आमिर हसन भोपाल, दिल्ली, कानपूर, बंग्लूरू, मुंबई, पुणे, असम, सूरत, जयपुर आदि शहरों में कॉन्सर्ट कर चुके आमिर बहुत सी यूनिवर्सिटी व संस्थानों में भी परफॉर्म कर चुके हैं।