24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Aadhaar Card के बाद अब आपका अड्रेस भी होगा यूनीफाईड, मोदी सरकार ने की प्लानिंग

अगर इस प्रोजेक्ट को सफलता मिल गई तो इसे जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार किया जाएगा

2 min read
Google source verification
narendra modi

Aadhaar Card

नोएडा. आधार कार्ड के बाद अब केंद्र सरकार आपका आवसीय प्रमाण-पत्र अड्रेस भी अब डिजिटल होने जा रहा है। दरअसल, सरकार आधार की तरह ही लोगों के अड्रेस को भी डिजिटल करने का प्लान कर रही है। संचार मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले डाक विभाग को इस पायलट प्रॉजेक्ट के लिए निर्देश भी दे दिया गया है। इस प्रॉजेक्ट के तहत तीन पिन कोड लोकेशन वाली प्रॉपर्टी के लिए एक 6 अक्षरों वाला डिजिटल अड्रेस दिया जाएगा। बतादें कि विभिन्न अड्रेस के लिए आपको ई-लोकेशन के आइडिया का मकसद प्रॉपर्टी संबंधी विभिन्न प्रकार की जानकारियों से जोड़ना है। इससे प्रॉपर्टी टाइटल और मालिकाना हक, प्रॉपर्टी टैक्स रिकॉर्ड, बिजली, पानी और गैस जैसी चीजों के उपभोग की जानकारी मिल सकेगी। अगर इस प्रॉजेक्ट को सफलता मिलेगी तो सरकार इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू कर सकती है।

अभी भी देश में कई हिस्सों के अड्रेस का पता करना मुश्किल होता है। डाक विभाग द्वारा जारी पत्र में ये बताया गया है कि इस परियोजना का उदेश्य डिजिटल अड्रेसिंग सिस्टम के प्रभाव को दर्शाना भी है। डाक विभाग इस प्रक्रिया में डेटा शेयर कर मदद करेगा।

ई-लोकेशन पायलट प्रॉजेक्ट की मंजूरी दिल्ली और नोएडा को दो पोस्टल पिन कोड के लिए दी गई है। इसके बाद इसका राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार किया जाएगा। डिजिटल पहचान के ई-अड्रेस का इस्तेमाल मौजूदा पोस्टल अड्रेस के लिए भी किया जा सकेगा। बतादें कि डाक विभाग ने प्राइवेट मैपिंग कंपनी 'मैपमाईइंडिया' को इस पायलट प्रॉजेक्ट की पूरी जिम्मेदारी दी गई है।

मेल ऑपरेशंस अभिषेक कुमार सिंह के हस्ताक्षर वाले पत्र को 27 सितंबर को मैपमाईइंडिया को भेजा जा चुका है। इस पत्र में लिखा गया है, 'इस योजना में जुटाए गए साक्ष्यों का इस्तेमाल कर डाक विभाग डिजिटल अड्रेस के लिए कर सकता है। यह राष्ट्रीय स्तर के लिए प्रॉजेक्ट के लिए भी सही होगा। सभी तरह के डेटा डाक विभाग के पास रहेंगे और निजी कंपनी इसका व्यवसायिक इस्तेमाल नहीं कर पाएगी। ई-लिंकेज के जरिए कॉम्प्लेक्स अड्रेसस की पहचान करना आसान होगा और उसे अन्य सेवाओं से भी जोड़ा जा सकता है।