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‘संतों या विहिप का रास्ता नहीं तय कर सकती भाजपा’

राम मंदिर के मसले पर अब भाजपा संतों के रास्ते में नहीं आना चाहती

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Sarad Asthana

May 09, 2016

ram mandir

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नोएडा।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर सिंहस्थ कुम्भ मेले से उठी हलचल पर भाजपा
ने कहा कि वह संतों या विश्व हिन्दू परिषद का रास्ता तय नहीं कर सकती।
हलांकि पार्टी ने कहा कि वह आपसी सहमति या कानूनी रास्ते के ही द्वारा
मंदिर निर्माण के पक्ष में है।

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कानून के द्वारा निकले रास्ता

उत्तर
प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेता दिनेश शर्मा ने कहा कि पार्टी इस बात पर सहमत
है कि राम मंदिर निर्माण होना चाहिए। लेकिन भाजपा हमेशा से राम मंदिर के
निर्माण के लिए सभी संबंधित पक्षों में सहमति या कानून के द्वारा निकले
रास्ते का ही समर्थन करती आई है। उन्होंने कहा कि वे किसी भी ऐसे रास्ते का
समर्थन नहीं कर सकते जो देश के कानून को चुनौती देता हो।

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राम मंदिर के लिए बिल लाए सरकार

हलांकि
भाजपा नेता सुब्रह्मणयम स्वामी ने पहले ही यह बयान दे दिया है कि मोदी
सरकार को मंदिर निर्माण के लिए आगे आना चाहिए। वहीं विश्व हिन्दू परिषद के
नेता प्रवीण तोगड़िया ने भी कहा था कि मोदी सरकार को मंदिर निर्माण के लिए
आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा था कि ससंद के संयुक्त सत्र के जरिए एक बिल
लाकर मंदिर निर्माण की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जानी चाहिए।

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सिंहस्थ
कुम्भ मेले में धर्म संसद के फैसले और विहिप के मंदिर संबंधी बयानों पर
प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता ने कहा कि भाजपा संतों या विश्व हिन्दू
परिषद के तरीके निर्धारित नहीं कर सकती।

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क्या हुआ था सिंहस्थ कुम्भ में

उज्जैन
के सिंहस्थ कुम्भ मेले के दौरान आयोजित हुई धर्म संसद में संतों ने एकमत
से यह फैसला लिया कि राम मंदिर निर्माण का समय आ गया है और अब उसकी शुरुआत
कर देनी चाहिए। संतो ने निर्णय किया कि अयोध्या में सिंह द्वार का निर्माण
कर मंदिर निर्माण को गति दिया जाना चाहिए। धर्म संसद ने नौ नवंबर के दिन से
मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही जिससे हलचल मच गई।

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