
नोएडा। कभी बसपा सुप्रीमो मायावती के खास रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। उनके साथ नोएडा के पूर्व एमएलसी अनिल अवाना और बसपा के कई बड़े नेता भी कांग्रेस में शामिल हो गए। अनिल अवाना की नोएडा में अच्छी खासी पैठ है और गौतमबुद्ध नगर जिले में पार्टी का प्रमुख चेहरा मानें जाते थे। बता दें कि गौतमबुद्ध नगर मायावती का गृह जनपद भी है। माना जा रहा है कि अपने इन बेड़ नेताओं के कांंग्रेस में शामिल होने से मायावती काफी नाराज हैं। इसको लेकर उनकी पार्टी कांग्रेस से दूरी भी बना सकती है।
वहीं, नसिमुद्दीन और अनिल अवाना जैसे बड़े नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने पर पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हम उन सभी नेताओं का पार्टी में स्वागत करते हैं, जिन्होंने लंबे समय तक बसपा और यूपी विधानसभा में काम किया है। अब यह सभी लोग कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधीजी के साथ काम करना चाहते हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इससे कांग्रेस और बसपा के राजनीतिक संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
इस दौरान गुलाम नबी आजाद से बसपा से संबंधों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी हमारे विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल किया था। तब हम तो नाराज नहीं हुए। बावजूद इसके हम लोग चुनाव के दौरान मायावती से गठजोड़ करने के लिए गए। इसलिए कांग्रेस में नसीमुद्दीन सिद्दीकी के शामिल होने से भविष्य में गठबंधन पर भी असर नहीं पड़ेगा। गुलाम नबी आजाद ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि आने वाले दिनों में भाजपा 'मोदीजी' पर से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए कई सारे नेताओं व कई सारी पार्टियों पर दोष मढ़ेगी।
कांग्रेस में एक साथ इतने बसपा नेताओं की एंट्री के सवाल पर आजाद ने कहा कि जो भी नेता पार्टी में शामिल हुए हैं उनमें से अधिकतर ऐसे हैं जिन्हें स्वयं बसपा सुप्रीमो ने अपनी पार्टी से निकाला था और अब यह सभी नेता कांग्रेस में बिना किसी शर्त शामिल हुए हैं। सपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव को पार्टी में शामिल के सवाल पर आजाद ने कहा कि फिलहाल जितने लोगों को पार्टी में शामिल किया है वह काफी हैं। उनके इस बयान से राजनीतिक गलियारों में एक चर्चा यह भी है कि अखिलेश यादव की नाराजगी से बचने के लिए कांग्रेस शिवपाल यादव को पार्टी में शामिल करने से कतरा रही है।
गौर हो तो यूपी के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और सपा ने भाजपा को टक्कर देने के लिए गठबंधन किया था हालांकि फिर भी यह गठबंधन सरकार बनाने में कामयाब नहीं रहा। लेकिन अब भविष्य में भी सपा के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस में शिवपाल को शामिल करने से बच रही है।
Updated on:
23 Feb 2018 01:51 pm
Published on:
23 Feb 2018 01:31 pm
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