
केंद्रीय मंत्री की बहन को पुलिस ने किया गिरफ्तार, महेश शर्मा को ब्लैकमेल मामले में हुई कार्रवाई
नोएडा। गौतमबुद्ध नगर के सांसद और केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा को ब्लैकमेल करने के मकसद से स्टिंग आपरेशन मामले में नया मोड़ आ गया है। इस बार पुलिस ने प्रख्यात समाजसेवी उषा ठाकुर को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि घटना वाले दिन प्रेस कान्फ्रेंस में डॉ. महेश शर्मा ने उषा ठाकुर को अपनी बड़ी बहन बताते हुए उन्हें निर्दोष करार दिया था। इस मामले में पुलिस पहले ही ब्लैकमेल करके 10 करोड़ रुपये की उगाही के मुख्य आरोपी आलोक कुमार, उसकी सहयोगी निशा और नीशू को गिरफ्तार कर चुकी है।
क्या है मामला
कोतवाली सेक्टर-20 में दर्ज एफआईआर में डॉक्टर महेश शर्मा के रिश्ते के भाई अजय शर्मा के मुताबिक 21 अप्रैल की शाम डॉ. महेश शर्मा के पास उषा ठाकुर का मैसेज रिटायर्ड डिप्टी एसपी केके गौतम के माध्यम से आया कि प्रतिनिधि चैनल का मालिक आलोक मिलना चाहता है। उसके पास डॉक्टर साहब की रिकार्डिंग है। 22 अप्रैल को उषा ठाकुर अपनी मां को लेकर चेकअप के लिए कैलाश अस्पताल आई थीं। दोपहर करीब 1.15 बजे एक युवती आई और कहा कि आलोक और खालिद ने उसे भेजा है। डॉ. महेश शर्मा से मिलकर कुछ दिखाना है। पूछने पर युवती ने एक चिट्ठी दी, जिसमें लिखा था कि 22 अप्रैल शाम तक 50 लाख रुपये चाहिए और बाकी के पैसे दो दिन के अंदर तक पूरा दो करोड़ कैश करावा दो। पांच मई तक 7-8 करोड़ का इंतजाम कर दें।
चिट्ठी देने के बाद युवती ने 50 लाख रुपये की मांग की। उस समय मेरे पास कार्यालय में अस्पताल के पुरुष और महिला कर्मचारी भी मौजूद थे। अजय शर्मा ने बताया कि इसकी सूचना अपने ममेरे भाई डॉ. महेश शर्मा को दी। उन्होंने तुरंत पुलिस के अधिकारियों को इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने युवती को गिरफ्तार कर लिया। युवती ने बताया कि इस मामले में उसके साथ आलोक और खालिद भी शामिल हैं। वो लोग भी आए हैं और अस्पातल के बाहर खड़े हैं। लेकिन, पुलिस के आने की भनक लगते ही दोनों भाग गए।
महेश शर्मा उषा ठाकुर को बताया अपनी बहन
इस बीच जब पुलिस युवती से पूछताछ कर रही थी, उसी समय उषा ठाकुर के मोबाइल फोन पर आलोक ने ह्वाट्सऐप कॉल की और कहा कि तुम लोगों ने पुलिस को बुलाकर ठीक नहीं किया है। इसका परिणाम भुगतने को तैयार रहा। महेश शर्मा के भाई ने बताया कि तब उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री को जिंदा नहीं छोड़ूंगा और गोली मार दूंगा। पूरे परिवार का सर्वनाश कर दूंगा। 22 अप्रैल को जिस दिन युवती को कैलाश अस्पताल से गिरफ्तार किया गया था। उसी रात कैलाश अस्पताल में डॉ. महेश शर्मा ने प्रेस कान्फ्रेंस कर पूरे मामले का विवरण मीडिया के सामने रखा था। उन्होंने कहा था कि उषा ठाकुर को वो 30 वर्षों से जानते हैं। वह बड़ी बहन की तरह हैं। इस मामले में उनका कोई दोष नहीं है।
उषा ठाकुर ने खुद को बताया बेगुनाह
इस पूरे मामले में अब पुलिस को मुख्य आरोपी आलोक की तलाश थी। जिसकों पुलिस ने लकाता के एक होटल से उसकी एक और सहयोगी निशा को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। फिलहाल, तीनों ही आरोपी जेल में हैं। वहीं अब शुक्रवार को पुलिस ने समाजसेवी उषा ठाकुर को गिरफ्तार किया है। इस घटना के बाद बातचीत के दौरान उषा ठाकुर ने भी अपने को बेगुनाह बताया था। उन्होंने कहा था कि वह समाजसेवा करती हैं। उन्हें गरीब बच्चों महिलाओं और इस शहर से प्यार है। डॉ. महेश उन्हें बड़ी बहन मानते हैं तो वह भी उन्हें अपना छोटा भाई मानती हैं। इसलिए वह आलोक को मिलवाने ले गई थीं, जिससे चुनाव में मदद हो सके। उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि किसी ने अपने मन में साजिश रची है।
पुलिस ने उषा ठाकुर को किया गिरफ्तार
इस पूरे मामले में एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि डॉ. महेश शर्मा के स्टिंग मामले में उषा ठाकुर की गिरफ्तारी हुई है। उन्होंने मुख्य आरोपी आलोक का गलत परिचय देकर डॉ. महेश से मिलवाया था, जबकि उन्हें आलोक की असलियत पता थी। जांच में पाया गया कि पूरी साजिश में उनकी सहभागिता थी। पहले गिरफ्तार नीशू उषा ठाकुर के घर से ही सीडी लेकर आई थी।
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Updated on:
18 May 2019 11:43 am
Published on:
18 May 2019 09:22 am
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