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क्या अब योगी नहीं रह सकेंगे यूपी के मुख्यमंत्री ?, ये हैं वो चौंकाने वाले कारण

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसा कदम उठाया कि उनकी कुर्सी खतरे में पड़ सकती है।

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CM Yogi adityanath may be lose cm chair

नोएडा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिससे उनकी कुर्सी खतरे में पड़ सकती है। जी हां, यह न तो हम कर रहे हैं और न ही कोई नेता। बल्कि, काफी समय से चले आ रहे अंधविश्वास के कारण यह कयास लगाया जा रहा है। दरअसल, योगी आदित्यनाथ 25 दिसंबर को नोएडा आ रहे हैं और धारणाओं के मुताबिक, जो भी सीएम अपने कार्यकाल में नोएडा पहुंचे हैं, उनकी कुर्सी चली गई है। शायद इसी कारण अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल के दौरान नोएडा में एक भी अपना कदम नहीं रखा। लेकिन, योगी आदित्नाथ शायद इस भ्रम को तोड़ना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने नोएडा आने का फैसला लिया है।


25 को मोदी करेंगे मजेंटा लाइन का उद्घाटन

25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेजेंटा मेट्रो लाइन का उद्घाटन करने नोएडा आ रहे हैं। मोदी की अगुवाई करने के लिए सीएम ने खुद नोएडा आने का फैसला किया है। अधिकारियों के मुताबिक, सुरक्षा व्यवस्था से लेकर सारी तैयारियों का खुद सीएम जायजा लेंगे।

23 को नोएडा पहुंचेंगे योगी

अधिकारियों के मुताबिक, सीएम योगी 23 दिसंबर को होने वाली मेट्रो की रिव्यू मीटिंग में शामिल होंगे और पीएम के कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा खुद ही लेंगे। इसके साथ ही वह शहर के कई अहम मुद्दों पर भी चर्चा कर सकते हैं। इसके अलावा 23 दिसंबर को यूपी के औद्योगिक मंत्री सतीश महाना बिल्डर बायर्स के मुद्दे पर चर्चा करने आ रहे हैं। वहीं, अब यह कयास लगाए जा रहा है कि सीएम योगी भी इस बैठक में शामिल हो सकते हैं और बायर्स को राहत देने का काम कर सकते हैं।

इन मुख्यमंत्रियों की जा चुकी है कुर्सी

सबसे पहले वीर बहादुर सिंह ने नोएडा का दौरा किया था, जिसके कुछ दिन ही 1988 में उनकी कुर्सी चली गई। इसके बाद 1989 में नारायण दत्त तिवारी नोएडा आए और उन्हें सीएम की कुर्सी से हाथ धोना पड़ा। वहीं, भाजपा से कल्याण सिंह बतौर मुख्यमंत्री 1999 में नोएडा आए और उन्हें अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा। 1995 में मुलायम सिंह यादव ने नोएडा का दौरा किया और अगली बार वो सत्ता से बाहर हो गए। 1997 में मायावती नोएडा आई और अपनी कुर्सी खो दीं। 2007 में मायावती पूर्णबहुमत के साथ सत्ता में आई तो उन्होंने 2011 में नोएडा का दौरा किया। इसके कारण 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्हें मुहं की खानी पड़ी। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि सीएम योगी आदित्यानाथ को भी अपनी कर्सी न गंवानी पड़ जाए।

शहर की नगरीय सुविधाओं पर हो सकती है बातचीत

हाल ही में प्राधिकरण में मेरठ मंडलायुक्त द्वारा शहरवासियों से नगरीय सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए सुझाव मांगे गए थे। वहीं, अब सीएम योगी के नोएडा आगमन पर यह भी कहा जा रहा है कि यूपी का शो विंडो कहे जाने वाले नोएडा के लोगों को बहतर सुविधाएं देने के लिए वह प्राधिकरण के अधिकारियों संग बैठक कर सकते हैं।

शहर के अहम प्रोजेक्टों का ले सकते हैं जायजा

शहर में चल रहे विभिन्न अहम प्रोजेक्टों के लिए कुछ दिन पहले ही प्राधिकरण के सीईओ ने सभी संबंधित अधिकारियों से रिव्यू रिपोर्ट मांगी थी। जिसके चलते यह भी कहा जा रहा है कि सैकड़ों करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इन प्रोजेक्टों के बारे में भी सीएम अधिकारियों से रिपोर्ट ले सकते हैं।