
सहारनपुर। अक्सर लोग ट्रेन में सफर करने के दौरान जल्द बाजी में टिकट लेना भूल जाते हैं। वहीं पकड़े जाने पर उन्हें जुर्माना भी भरना पड़ता है। लेकिन सोचिए अगर रेलवे द्वारा ही किसी को 1 हजार साल आगे का टिकट दे दे तो। दरअसल, एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें रेलवे के रिजर्वेशन काउंटर द्वारा यात्री को एक हजार साल आगे का टिकट थमा दिया गया। इतना ही नहीं, जब टीटीई ने सफर करते हुए इस यात्री को पकड़ा तो इस टिकट को देखने के बाद जुर्माना कर उन्हें ट्रेन से भी उतार दिया।
पांच साल पुराना है मामला
बता दें कि यह मामला वर्ष 2013 का है। सहारनपुर के जौनपुर के लिए विष्णु कांत शुक्ला नामक व्यक्ति ने हिमगिरी एक्सप्रेस के एसी कोच के टिकट का रिजर्वेशन कराया था। इस दौरान उन्हें 3013 का टिकट दे दिया गया। वहीं जब चलती ट्रेन में टीटीई ने चेकिंग तो उसने रेलवे की लापरवाही उन्हीं पर थोपते हुए टिकट को फर्जी बताकर ट्रेन से नीचे उतार दिया। जिसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत उपभोक्ता फोरम में की।
पांच साल चला केस
उपभोक्ता फोरम में पांच साल तक इस मामले के चलने के बाद अब ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया है। जिसमें कहा गया कि रिजर्वेशन काउंटर पर टिकट फॉर्म भरते हुए किसी तरह की त्रुटि हुई होगी। वहीं उपभोक्ता फोरम ने रेलवे की दलीलों को व्यावहारिक नहीं माना और फोरम के अध्यक्ष लुकमान उल हक व सदस्य डॉक्टर सनत कौशिक की पीठ ने रेलवे की गलती मानते हुए फैसला सुना दिया। फैसले में कहा गया कि रेलवे की ओर से एक वरिष्ठ नागरिक को परेशान किया गया है। इसके लिए रेलवे को टिकट के पूरे पैसे ब्याज समेत 10 हजार रुपये का जुर्माना और शारीरिक कष्ट देने की एवज में 3 हजार रुपये जुर्माना देना होगा।
फैसले से संतुष्ट रिटायर्ड प्रोफेसर
रिटायर्ड प्रोफेसर डॉक्टर विष्णु कांत शुक्ला ने फैसला पर संतुष्टी जताई है। उनका कहना है कि वह उपभोक्ता फोरम के फैसले से संतुष्ट हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें यकीन था इंसाफ जरूर मिलेगा और इसके बाद अब कम से कम रेलवे को अपनी गलती का एहसास तो हुआ है।
Updated on:
14 Jun 2018 05:48 pm
Published on:
14 Jun 2018 03:44 pm
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