6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

देशबंदी से पैदा हुई आर्थिक संकट से ईद पर भी बाजार में नहीं लौटी रौनक, व्यापारियों ने कही यह बड़ी बात

मस्जिदों और ईदगाहों पर लगे तालों से भी लोगों में बढ़ी मायूसी

2 min read
Google source verification
bazar.png

नोएडा. कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए किए गए लाकडाउन ने ईद की रौनक को इस बार फीका कर दिया है। औद्योगिक इकाइयों का पहिया न घूमने के कारण पूरे देश में अर्थव्यवस्था की कमर टूट-सी गई है। पिछले दो माह से कारोबार बंद पड़े हैं। आर्थिक संकट से लोग गुजर रहे हैं। मजदूर और कारीगरों के हाथ खाली हैं। उसके ऊपर से मस्जिदों और ईदगाहों पर भी ताले पड़े हैं। कहीं भी सामूहिक नमाज की इजाजत नहीं है। लिहाजा, ईद को लेकर उत्साह नहीं के बराबर दिखाई दे रहा है।

यह भी पढ़ें: Gautam Budh Nagar में Corona का संक्रमण तेज, 17 नए Patient मिले, 324 पहुंची संक्रमितों की संख्या

लॉकडाउन में ढील देने के बाद ग्रेटर नोएडा के दादरी के खुले बाजारों में रौनक जरा सी भी नहीं दिख रही है। माहे रमजान के महीने का आकिरी दिन चल रहा है। ईद सोमवार को मनाई जाएगी। ऐसे में त्योहार से पहले जगमग रहने वाला बाजार एकदम सुना पड़ा है। बाजारों में खरीदार नहीं दिख रहे हैं। दादरी के बाजार को खुले हुए 3 दिन हो गए हैं, लेकिन बाजार में सिर्फ जरूरत का ही सामान लेने वाले लोग दिख रहे हैं।

यह भी पढ़ें: Corona Warriors: दो दिन के नवजात को लेकर 212 किलोमीटर के सफर पर निकल पड़ी महिला, पुलिस इंस्पेक्टर ने किया वो काम कि आप भी करेंगे सलाम

ईद की खरीदारी के लिए कोई इक्का-दुक्का ही लोग नजर आ रहे हैं। ऐसे में खरीदार न होने से व्यापारी परेशान हैं। ऊपर से प्रशासन द्वारा रविवार का साप्ताहिक अवकाश घोषित कर दिया गया है। साप्ताहिक अवकाश के चलते ईद से एक दिन पहले यानी रविवार को व्यापारी बाजार नहीं खोल सकेंगे। चांद रात को कुछ दुकानदारी होने की उम्मीद थी, लेकिन साप्ताहिक बंद के कारण वह भी हाथ से चला गया। ईद पर बाजारों में रौनक नहीं होने की वजह से व्यापारी मायूस देखने को मिले। दरअसल, कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए लोग सोशल डिस्टेंस का पालन कर रहे हैं। प्रदेश के अन्य हिस्सों में काम करने वाले कुछ लोग लाकडाउन के कारण अभी तक अपने घरों को लौटकर नहीं आ सके हैं। ऐसे लोगों की भी ईद फीकी रह जाएगी।